दक्षिण अफ्रीका की सर्वोच्च अदालत के इतिहास में पहली बार एक महिला न्यायाधीश को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।
वर्तमान उप मुख्य न्यायाधीश मंडिसा माया दक्षिण अफ़्रीकी उच्च न्यायालय के रेमंड जोंडो का स्थान लेंगी। यहाँ के शीर्ष ‘संवैधानिक न्यायालय’ में प्रमोशन से पहले 60 वर्षीय माया दक्षिण अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी अदालत ‘सुप्रीम कोर्ट ऑफ अपील’ में ‘जज प्रेसिडेंट’ के पद पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।
मंडिसा माया ने अमरीका की ड्यूक यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई के लिए ‘फुलब्राइट छात्रवृत्ति’ हासिल की, जो दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौर में किसी अश्वेत महिला के लिए दुर्लभ उपलब्धि थी।
राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने अपने बयान में इसे देश के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने न्यायिक सेवा आयोग के परामर्श के बाद पहली सितंबर से मंडेसा माया को पहली महिला मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामित किया है।
वर्तमान उप मुख्य न्यायाधीश मंडेसा माया पहली सितंबर को पदभार संभालेंगी, वर्तमान मुख्य न्यायाधीश रेमंड जोंडो का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
राष्ट्रपति रामाफोसा ने फरवरी में माया को प्रधान न्यायाधीश पद के लिए नामित किया था, जबकि मई में न्यायिक सेवा आयोग ने उनका साक्षात्कार लिया था।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्वी केप प्रांत के एक ग्रामीण इलाके में पली-बढ़ी माया ने 1989 में अमरीका की ड्यूक यूनिवर्सिटी में कानून में स्नातकोत्तर करने के लिए ‘फुलब्राइट छात्रवृत्ति’ प्राप्त की थी। यह छात्रवृत्ति दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौर में किसी युवा अश्वेत महिला के लिए दुर्लभ उपलब्धि थी।