अपनी फसल के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन अभी भी जारी है। अपडेट के मुताबिक, खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त उच्चस्तरीय समिति से मुलाकात करेगा। सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी पंजाब सरकार द्वारा दी गई है।
किसान अपनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित विभिन्न मांगों को लेकर पिछले वर्ष की 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के मध्य शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आज पंजाब सरकार की तरफ से यह जानकारी दी। इस मामले को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष रखा गया था। पीठ ने उम्मीद जताई है कि इससे कुछ सकारात्मक हल निकलेगा।
इस बीच पीठ ने समिति और अन्य को परिणाम से अवगत कराने के साथ मामले पर 10 जनवरी को विचार करने की तारीख निर्धारित की।
कपिल सिब्बल ने बताया कि वह प्रदर्शनकारी किसानों को जस्टिस (रिटायर) नवाब सिंह से मुलाक़ात के लिए राजी करने में कामयाब रहे हैं जो समिति के अध्यक्ष हैं।
बताते चलें कि प्रदर्शनकारी किसानों में 70 वर्षीय जगजीत सिंह दल्लेवाल भी शामिल हैं और वह पिछले 40 दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं।
पंजाब सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को 31 दिसंबर को जानकारी दी गई थी कि प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से प्रस्ताव आया है कि अगर केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत किसानों की मांगों को लेकर बातचीत के लिए तैयार है तो भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल मेडिकल सहायता लेने के लिए तैयार हैं।
दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से पिछले वर्ष सितंबर में बातचीत करने के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय पैनल का गठन किया था।
गौरतलब है कि लाभ सिंह नाम के एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट के 20 दिसंबर के आदेश के अनुसार भूख हड़ताल पर बैठे दल्लेवाल को चिकित्सा सहायता मुहैया कराने में पंजाब सरकार की विफलता के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी।