नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कर्मचारियों की वेतन सीलिंग में बढ़ोतरी करनी की पूरी तैयार कर चुका है। Epf
ईपीएफओ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अनिवार्य कवरेज के लिए वेतन की सीमा को इस महीने बढ़ाकर 25,000 रुपए किया जा सकता है।
वर्तमान में वेतन सीलिंग 15 हजार रुपए महीना है और इसे सरकारी कर्मचारियों पर लागू किए गए वेतन आयोग के कारण बढ़ाया जा रहा है, क्योंकि वेतन आयोग लगने से कई प्राइवेट सेक्टर्स में भी वेतन वृद्धि देखने को मिली है।
इससे ईपीएफओ के दायरे में 1 करोड़ कामगार और शामिल हो जाएंगे। वर्तमान में 8.5 करोड़ कर्मचारी इसके दायरे में आते हैं।
ईपीएफओ के न्यासी बोर्ड की बैठक में वेतनसीमा बढ़ाने का प्रस्ताव एजेंडे में था। ईपीएफओ के ट्रस्टी डीएल सचदेव ने कहा कि समय की कमी की वजह से इस प्रस्ताव को टाल दिया गया।
अब इसे इस महीने होने वाली अगली बैठक में उठाया जाएगा। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन के सचिव सचदेव ने कहा कि इसकी गणना करने से पता चलता है कि इससे ईपीएफओ के दायरे में 1 करोड़ अतिरिक्त कामगार शामिल हो पाएंगे।
हाल में दिल्ली जैसे राज्यों ने 15,000 रुपए मासिक न्यूनतम वेतन की सीमा को बढ़ाया है। पिछली बैठक में रखे गए ईपीएफओ के प्रस्ताव के अनुसार वेतनसीमा में बढ़ोतरी से केंद्र सरकार पर करीब 2,700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
इसके लागू होने के बाद 25 हजार रुपए प्रति महीना कमाने वाले कर्मचारियों को अपनी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा EPFO और कर्मचारी पेंशन स्कीम में देना अनिवार्य होगा।
हालांकि इससे ज्यादा कमाने वाले कर्माचारी भी हिस्सा दे सकते हैं, लेकिन उनके लिए यह अनिवार्य नहीं होता। अधिकतर कर्मचारी ऐसा करते हैं क्योंकि इसमें दूसरी योजनाओं से ज्यादा रिटर्न तो मिलता ही है, साथ ही यह टैक्स फ्री भी होता है।
केंद्र सरकार इस ईपीएफओ सब्सक्राइवर के बेसिक वेतन का 1.16 फीसदी पेंशन स्कीम में देता है। इससे सरकार पर 6,750 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ता है।