नई दिल्ली। प्रमुख वाहन कंपनी मारुति सुजुकी, महिंद्रा इलेक्ट्रिक व मर्सीडीज बेंज ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति का अभाव ऐसे पर्यावरण अनुकूल वाहनों के विकास में बाधा नहीं बनेगा। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने पिछले सप्ताह कहा था कि ईवी के लिए किसी नीति की जरूरत नहीं है और एक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा था कि प्रौद्योगिकी को नियम कानूनों में नहीं उलझाया जाना चाहिए।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा, ‘जहां तक हमारा सवाल है हमारे ईवी कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं है। हम अपनी योजनाओं को पहले की तरह ही जारी रखेंगे।’ ईवी नीति के अभाव में क्या कंपनी के ईवी विकास कार्यक्रम में कोई बदलाव होगा, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा,’ ईवी की जरूरत बनी हुई है और यह कैसे करना है यह उद्योग पर निर्भर करता है।
अगर उसे मदद चाहिए तो उसे सरकार से संपर्क करना चाहिए।’महिंद्रा इलेक्ट्रिक के सीईओ महेश बाबू ने भी कमोबेश यही राय रखी। उन्होंने कहा,’ फिलहाल हमें किसी अतिरिक्त नीतिगत समर्थन की उम्मीद नहीं है। हालांकि हमने फ़ेम के तहत मौजूदा समर्थन तथा ईवी के लिए विशेष कर ढांचे को कम से कम अगले दो जारी रखने का सुझाव दिया है।’
मर्सीडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक रोलांद फोल्गर ने कहा,’ कंपनी सभी प्रौद्योगिकियों के सह अस्तित्व के साथ प्रौद्योगिकीय संशयवादी रुख का समर्थन करती है। हमें उपलब्ध बेहतर प्रौद्योगिकी विकल्पों को बंद नहीं करना चाहिए।’उन्होंने कहा कि मर्सीडीज बेंज विद्युतीकरण को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है 2022 तक हर मर्सीडीज माडल खंड का कम से कम एक विद्युतीकृत विकल्प की पेशकश की महत्वाकांक्षी योजना हैं।