आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड आठ हजार छात्रों को राहत मिलने वाली हैं। ये राहत वर्ष 2004-05 के के छात्रों को मिलेगी। इस तरह से 16 साल बाद इन छात्रों को मार्कशीट और डिग्री मिलने के रास्ते साफ हो रहे हैं। प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी किया जाएगा। टेंपर्ड, फर्जी व डुप्लीकेट प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थी शामिल नहीं होंगे।
एसआईटी की ओर से जांचे गए फर्जी और डुप्लीकेट प्रमाणपत्र वाले करीब 4766 अभ्यर्थियों के कारण इन छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। तमाम लोग नौकरियों में हैं, उनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है।
इस प्रकरण को परीक्षा समिति की बैठक में रखा गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार फर्जी और टेंपर्ड प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थियों के नाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डाले जाएंगे। इसके अलावा जिन छात्रों के नाम एसआईटी की सूची में नहीं थे और न ही जांच समिति की रिपोर्ट में है, उनका परिणाम जारी कर दिया जाएगा।
इस विषय पर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय का कहना है कि लंबित प्रकरणों को निस्तारित करने पर जोर दिया जा रहा है। जिससे विश्वविद्यालय महज परीक्षा और परिणाम तक सीमित न रहे। पठन-पाठन पर विशेष ध्यान दिया जाना है। इसके लिए लंबित प्रकरणों के निस्तारण जरूरी है।