नयी दिल्ली, 02 मार्च : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुद्री क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान करते हुए कहा है कि विशाल तटीय भूभाग होने के कारण समुद्री उत्पादन क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं है इसलिए पूरे सामर्थ्य के साथ उनका इस्तेमाल करने की सख्त ज़रूरत है।
श्री मोदी ने मंगलवार को यहां तीन दिन तक चलने वाले ‘मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन 2021’ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ करते हुए कहा कि भारतीय सभ्यताएं देश के विशाल समुद्री तटों पर फली फूली है जिसने हमारे समृद्ध समुद्री इतिहास को हजारों सालों से समुद्र तटों के जरिए दुनिया से जोड़े रखा है इसलिए इस परंपरा को अब पूरी ताकत के साथ और अधिक समृद्ध बनाने की जरूरत है।
इस क्रम में सागरमाला जैसी परियोजनाएं 2016 में आरंभ की गयी जिनके माध्यम से बंदरगाहों को भूभाग से जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना चलाकर बंदरगाहों का तेजी से विकास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समुद्री उत्पादों के भरपूर इस्तेमाल के जरिये देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है और इसके लिए समुद्री क्षेत्रों का तेजी से विकास किया जा रहा है। इस क्रम में सागरमाला जैसी परियोजनाएं 2016 में आरंभ की गयी जिनके माध्यम से बंदरगाहों को भूभाग से जोड़ने की महत्वकांक्षी योजना चलाकर बंदरगाहों का तेजी से विकास किया जा रहा है। मैरिटाइम क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा मे कई योजनाओं पर काम चल रहा है।
शिखर सम्मेलन का आयोजन पोत परिवहन एवं जल मार्ग मंत्रालय कर रहा है जिसमें 24 देशों के 20 हजार से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। डेनमार्क सम्मेलन का सहयोगी देश है। सम्मेलन में 115 समुद्री क्षेत्रों के विशेषज्ञ अंतरराष्ट्रीय वक्ता हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना और देश को समुद्री उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।