चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का प्रभाव केरल और कर्नाटक के तटों के अलावा लक्षद्वीप व मालदीव के क्षेत्रों में पड़ेगा। इसका प्रभाव कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर समुद्र में बहुत ऊंची लहरों के रूप में देखने में आ सकता है। ये स्थिति 8 से 10 जून तक रहने का अनुमान है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार यह चक्रवाती तूफान आज अपने चरम पर होगा। अरब सागर में तेज़ी पकड़ रहे इस चक्रवात का असर अब मानसून पर भी देखने को मिल रहा है। केरल में मानसून के प्रवेश से पहले इसका प्रभाव पड़ा है। मानसून अपने निर्धारित समय से 8 दिन की देर दिखा रहा है।
मौसम विभाग ने अपनी जानकारी में बताया है कि तूफ़ान का असर केरल-कर्नाटक के तटों और लक्षद्वीप-मालदीव के इलाकों में देखने को मिलेगा। इसके अलावा कोंकण-गोवा-महाराष्ट्र तट पर 8 से 10 जून तक समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठने की संभावना बनी हुई है।
इसके अलावा राजस्थान और गुजरात सहित देश के पश्चिमी हिस्सों में आंधी और बारिश के आसार हैं। वहीँ उत्तरी-पूर्वी भाग के बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड सहित पांच राज्यों में अगले पांच दिनों तक लू चलने की आशंका है।
#CycloneBiporjoy – बिपरजोय का मॉनसून पर भी डालेगा असर, इन राज्यों में बारिश की चेतावनी@Indiametdept #CycloneBiparjoy #BiparjoyCyclone #Biparjoy #rainfall #WeatherUpdate #LatestNews #moneycontrolhindinews https://t.co/mFejZtU84W
— Moneycontrol Hindi (@MoneycontrolH) June 8, 2023
बिपरजॉय तूफ़ान को देखते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गुजरात में अलर्ट जारी कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक़ यह चक्रवाती तूफान गुजरात के पोरबंदर से दक्षिण-पश्चिम में करीब हज़ार किलोमीटर दूर है। इस सम्बन्ध में राज्य सरकार का कहना है कि वह किसी भी प्राकृतिक आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
बिपरजॉय का हिंदी अर्थ आपदा है। अरब सागर में उठने वाले चक्रवाती तूफान का नाम बिपरजॉय बांग्लादेश ने रखा है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने 2020 में इस नाम को स्वीकार किया था।