तिरूवनंतपुरम। केरल में आवारा कुत्तों के आतंक की एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। आवारा कुत्तों ने यहां दो महिलाओं पर हमला बोल दिया। इस हमले में एक महिला की मौत हो गई, जबकि दूसरी महिला गंभीर रूप से घायल है। इस घटना से प्रशासन के खिलाफ स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है। तिरूवनंतपुरम सचिवालय से महज 20 किलोमीटर दूर स्थित पुल्लुविला में हुई इस घटना से लोग बेहद सन्न है। घटना शुक्रवार रात लगभग 9 बजे की है। जानकारी के मुताबिक, 65 वर्षीय शीलुअम्मा समुद्र तट के पास बने शौचालय का इस्तेमाल करने गई थी। इसी दौरान दर्जनों कुत्तों ने शीलुअम्मा पर हमला कर दिया। जिससे उनकी मौत हो गई।
मृतका की बहू ने बताया कि उनके घर में शौचालय नहीं है। इस वजह से बीती रात उनकी सास समुद्र तट के पास बने शौचालय गई थी। काफी वक्त बीत जाने के बाद भी जब शीलुअम्मा वापस नहीं लौटी तो वे लोग उनकी तलाश में निकले। परिजनों के मुताबिक, समुद्र तट के पास पहुंचते ही खून से लथपथ पड़ी शीलुअम्मा को देख उनके होश उड़ गए। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। परिजनों ने बताया कि कुत्तों ने शीलुअम्मा को बहुत बुरी तरह से जख्मी किया था। कुत्ते शीलुअम्मा के कई हिस्सों को खा चुके थे। इस घटना से मृतका के परिजनों और स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। लोगों ने इस घटना के लिए राज्य प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि इस घटना के लगभग एक घंटे बाद कुत्तों ने डेजी नाम की एक अन्य महिला पर भी हमला कर दिया। डेजी इस हमले में बच तो गई लेकिन वो गंभीर रूप से घायल हुई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। डेजी की बेटी पातरोसी ने कहा, “हम यह देखकर अचंभित थे कि कुत्तों ने उनके दोनों हाथों पर कई जगह बुरी तरह से काटा था। जब हम उन्हें अस्पताल ले गए तब उनकी हालत बहुत गंभीर थी।”
पुल्लुविला के स्थानीय लोगों ने कहा, “हम सभी अपना धैर्य खो चुके हैं। प्रशासन का कहना है कि वे कानून की वजह से कुत्तों को मार नहीं सकते। क्या हम कुत्तों से भी हीन है? अगर किसी मंत्री को कुत्ता काटता है तो क्या केवल तभी कार्रवाई की जाएगी।” घटना के बाद स्थानीय लोगों ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के आवारा जानवरों पर सहानुभूतिपूर्ण वाले बयान पर भी नाराजगी जताई। कारोबारी कोचुउसेफ चिट्टीपल्ली ने मेनका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक बार उन्हें भी कुत्ता काटे तब जाकर उन्हें उस खतरे का अहसास होगा, जिसका सामना यहां के लोग कर रहे हैं।