नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में जारी घमासान के बीच आज पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है। इस बैठक में अखिलेश यादव के जाने की संभावना नहीं है। उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव ने भी कल एक अलग बैठक बुलाई है। हालातों से ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि क्या अखिलेश अब अकेले ही चुनावी लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। dispute samajwadi
मुलायम के कुनबे में चल रहे इस घमासान के बीच आज प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है। अखिलेश कार्यकारिणी के सदस्य नहीं है, इसलिए उनके इसमें उनके जाने की संभावना बहुत कम है। मुलामय सिंह के शामिल होने को लेकर भी संशय बना हुआ है। अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव इस बैठक में मौजूद होंगे।
शिवपाल और अखिलेश का झगड़ा अब खुलकर पूरी पार्टी के सामने आ चुका है। अखिलेश ने शुक्रवार को अपने समर्थक 20 मंत्रियों की बैठक बुलाई और सूत्रों के मुताबिक उन्होंने उस बैठक में कहा, “नेता जी (सपा सुप्रीमो, मुलायम सिंह यादव) ने मुझे कहां से कहां पहुंचा दिया? हम एक नंबर पर चल रहे थे और अब देखिये क्या हाल है? मैं रोज कार्यकर्ताओं और नेताओं से बात कर रहा हूं। वो भ्रम की स्थिति में हैं। इस सबकी वजह चाचा हैं।”
अटकलें यही हैं कि अखिलेश जिस चाचा का ज़िक्र कर रहे हैं वो अमर सिंह हैं। अमर सिंह की दिल्ली वाली पार्टी के बाद से ही यादव परिवार में जो लड़ाई शुरू हुई है वो अब इस मुकाम पर पहुंच गई है कि अब अखिलेश अलग रास्ता पर चलने का पूरा मन बना चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने जब अपने मन का दर्द अपने समर्थक नेताओं को बताया तो उनलोगों ने कहा कि हालांकि अखिलेश पहले ही अकेले चलने का एलान कर चुके हैं।
अखिलेश के तीखे तेवरों की वजह से ही शिवपाल यादव अब बैकफुट पर आते दिख रहे हैं। खबरों के मुताबिक जिलाध्यक्षों की बैठक में शिवपाल ने कहा, “आप कहें तो मैं स्टांप पेपर पर लिखकर दे सकता हूं कि हम जीते तो मुख्यमंत्री अखिलेश ही बनेंगे।” शिवपाल के इमोशन कार्ड और और अखिलेश के बागी तेवरों के बीच सबकी नजर पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह पर है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी लग रहा है कि जिस दौर से पार्टी गुजर रही है उसमें जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो सबके लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
समाजवादी पार्टी में मचे इस घमासान के बीच अब सबकी नजर उन दो बैठकों पर है जो अगले दो दिनों में होने वाली हैं। 24 अक्टूबर को मुलायम सिंह ने पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है लेकिन उससे ठीक एक दिन पहले ही अखिलेश ने अपने समर्थकों की बैठक बुला ली है। dispute samajwadi
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