नई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में आज भी कामकाज बाधित है। विपक्ष के हंगामे के बाद संसद के दोनों सदन स्थगित कर दिये गए। लोकसभा में विपक्ष स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा चाहता है तो राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थति में बहस की मांग की जा रही है। demonetisation
लोकसभा की कार्यवाही बाधित
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सुबह जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु की सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे ने अघोषित आय के खुलासे के लिए लाए गए नए आयकर विधेयक पर चर्चा कराने की मांग की जिसे महाजन ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि इसपर सदस्य अपनी राय शून्यकाल में रख सकते हैं।
इसके बाद सदन में विपक्षी सदस्यों ने शोर मचाना शुरू कर दिया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और नोटबंदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंच गए। इस शोरशराबे के बीच प्रश्नकाल की कार्यवाही थोड़े देर के लिए चली। काफी हंगामा होता देख महाजन ने कार्यवाही 11.30 बजे तक स्थगित। लेकिन फिर जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष फिर हंगामा करने लगा और लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में भी हंगामा
नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदन में बुलाने की मांग पर अड़े विपक्ष ने आज भी राज्यसभा में जमकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही पहले बारह बजे तक और फिर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
उप सभापति पी जे कुरियन ने विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद जैसे ही कार्यवाही शुरू की कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी अपनी जगहों पर खड़े होकर शोर करने लगे। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा कि सदन में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने अड़यिल रूख अपना रखा है और प्रधानमंत्री सदस्यों की बात सुनने के लिए सदन में नहीं आ रहे हैं।
नायडू बोले चर्चा के लिये पीएम का होना जरूरी नहीं
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सदन की कार्य प्रणाली से जुडी नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि नोटबंदी पर चर्चा शुरू की जानी चाहिए और इसमें प्रधानमंत्री की मौजूदगी जरूरी नहीं है वह बहस में हस्तक्षेप करेंगे। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री तथा अन्य मंत्री सदन में मौजूद हैं और मंत्रिपरिषद की सामूहिक जिम्मेदारी होती है।
कुरियन ने भी कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने में किसी को कोई आपत्ति नहीं है। वित्त मंत्री सदन में मौजूद हैं और वह कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री इस बहस में हस्तक्षेप करेंगे। इसलिए सदस्यों को अपनी जगहों पर लौट कर बहस में हिस्सा लेना चाहिए।
इस बीच विपक्ष के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे जिसके जवाब में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों ओर से हंगामा शुरू होने तथा सदस्यों के शांत नहीं होने पर उप सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। विपक्ष तथा सत्ता पक्ष के अपने अपने रूख पर अड़े रहने के कारण पिछले आठ दिन से इस मुद्दे पर सदन में गतिरोध बना हुआ है।