नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशू प्रकाश ने आरोप लगाया कि उनके साथ बदसलूकी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में की गयी तथा उन्हें बचाने का किसी ने प्रयास नहीं किया।
प्रकाश ने दिल्ली पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि यह पूर्व नियोजित तथा षडयंत्र के तहत किया गया है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि जिस समय उनके साथ ‘धक्का मुक्की’ की गयी उस वक्त वहां पर केजरीवाल के अलावा अन्य कई लोग मौजूद थे लेकिन उनमें से किसी ने भी उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की।
प्रकाश ने कहा कि उन्हें कल रात 8.45 बजे मुख्यमंत्री के सलाहकार वीके जैन ने फोन करके मुख्यमंत्री निवास पर रात 12 बजे आने को कहा। इसके बाद मुझे करीब 11.20 पर फिर फोन करके बैठक के लिए बुलाया गया। इसके बाद मैं अपनी सरकारी गाड़ी से मध्य रात्रि में मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचा।
पहली बार फोन आने पर मैंने सुझाव दिया था कि बैठक अगले दिन सुबह की जा सकती है लेकिन मुझसे कहा गया कि यदि टेलीविजन विज्ञापन का मसला हल नहीं होता है तो मुझे रात 12 बजे बैठक के लिए आना होगा। इसके बाद मैं इस मसले पर विचार विमर्श के लिए रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचा। मैंने सिसोदिया को पहले ही बता दिया था कि उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के विपरीत कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया जा सकता है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और करीब 11 विधायक मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मुझे बताया कि ये लोग विधायक हैं और सरकार के तीन साल पूरा होने के मौके पर प्रचार कार्यक्रम के संबंध में आये हैं। शिकायत में कहा गया, एक विधायक ने दरवाजा तेजी से बंद कर दिया। मैं विधायक अमानतुल्लाह खान और एक अन्य व्यक्ति के साथ तीन सीट वाले सोफे पर बैठा था। मुख्यमंत्री ने मुझे विधायक को जवाब देने के लिए कहा कि टेलीविजन प्रचार में क्यों देरी हो रही है। इस पर मैंने कहा कि अधिकारी उच्चतम न्यायालय के सरकारी विज्ञापनों पर दिये गये दिशानिर्देशों से बंधे हुए हैं।
उन्होंने लिखा है इतना कहने पर मेरे ऊपर जोर जोर से चिल्लाने लगे और गालियां दीं और मेरे ऊपर आरोप लगाया गया कि नौकरशाह सरकारी प्रचार के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रहे हैं। एक विधायक ने जिसकी मैं पहचान कर सकता हूं मुझे धमकी दी और कहा कि वह टेलीविजन विज्ञापन के लिए मान जाय अन्यथा उन्हें पूरी रात इसी कमरे में बंद रखा जाएगा।
मुझे अनुसूचित जाति और जनजाति के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी गयी। विधायक बहुत आक्रमक थे और मुझे जान से मारने की धमकी तक दी। इसके बाद अचानक अमानतुल्लाह खान और एक अन्य व्यक्ति जो मेरी बाईं तरफ था मुझे मारने और गाली देनी शुरू कर दी और मुझे कई थप्पड़ मारे गये। मेरे सिर पर भी मुक्का मारा गया। मेरा चश्मा जमीन पर गिर गया। मुझे बहुत सदमा लगा। बड़ी मुश्किल से मैं कमरे से बाहर आने में कामयाब हो सका और कार में बैठकर आ गया।
उन्होंने कहा मेरा अनुरोध है कि यह पूरा मामला पूर्व नियोजित और साजिश के तहत किया गया। मेरा आग्रह है कि दोषियों के साथ कड़ी कार्रवाई की जाय।