आमिर खान को अपनी परफेक्शन के लिए जाना जाता है। इसी वजह से उन्हें मिस्टर परफेक्शनिस्ट का नाम दिया गया है। इसकी वजह भी है। वो अपने किरदार को इतनी बखूबी से निभाते हैं कि वो रीयल लगे। अपनी एक्टिंग को असली दिखाने के लिए वो किसी भी नामुमकिन काम को मुमकिन कर दिखाते हैं। इसी का उदाहरण उनकी हालिया रिलीज ‘ DANGAL ’ है जिसके लिए उन्होंने वजन बढ़ाया और घटाया है। दर्शकों को यह फिल्म काफी पसंद आ रही है।
हर कोई आमिर खान के काम और उनकी परफेक्ट एक्टिंग की तारीफ कर रहा है। दंगल एक ऐसी फिल्म है जोकि असल जिंदगी के घटनाक्रम पर आधारित है। यह एक पिता महावीर सिंह फोगाट के जीवन पर बनी है। जो अपनी बेटियों गीता और बबीता फोगाट को रेस्लिंग सिखाते हैं और देश के लिए मेडल जीताने में मदद करते हैं। फिल्म के डायरेक्टर नीतेश तिवारी और लेखक की हम काफी इज्जत करते हैं। लेकिन यह फिल्म असली घटनाओं पर बनी है इसी वजह से हम आपको इसमें हुई 4 बड़ी ग्लतियों के बारे में बताते हैं जोकि निर्माताओं ने फिल्म में की है।
2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान गीता के बाल छोटे नहीं थे। अगर आपने गीता के मैच को देखा होगा तो आपको पता होगा कि उसके बाल छोटे नहीं थे जैसा कि फिल्म में दिखाया गया है।
फाइनल मैच के दौरान जो स्कोर फिल्म में दिखाया गया है वो हकीकत से बिल्कुल अलग है। दर्शकों के बीच दिलचस्पी बनाए रखने के लिए फाइनल मैच को काफी नाटकीय रूप दिया गया। जबकि हकीकत में गीता शुरुआत से ही प्रबल दावेदार बनी हुई थीं और उन्होंने बिना तीसरे राउंड में गए 1 0 और 7 0 से मैच जीत लिया था जबकि फिल्म में 3 0, 4 6 और 6 5 प्वाइंट से मैच जीतते हुए दिखाया गया है।
फिल्म में दिखाया गया है कि गीता को ऑस्ट्रेलियन रेस्लर को हराने में एड़ी चोटी का दम लगाना पड़ा था। जबकि हकीकत में गीता ने आसानी से यह मैच अपने नाम कर लिया था।
फिल्म में दिखाया गया है कि आमिर खान की नौकरी छूट जाती है। जिसके बाद उनके पास थोड़े से रुपए रह जाते हैं। इसके बावजूद वो बी ग्रेड सिनेमा हॉल की सभी टिकट खरीदकर अपनी बेटी के मैच की वीडियो देखकर उसे सलाह देते हैं।
गीता फोगट के कानों को किसी तरह की तवज्जो नहीं दी गई। फिल्म में रेस्लिंग को ध्यान में रखते हुए आमिर के कान को पीछे की तरफ मोड़ा गया था जबकि फामिता सना शेख के कानों को मोड़ा नहीं गया।