अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मंगलवार को सऊदी अरब के राजा सलमान बिन अब्दुलअजीज की ओर से दिए गए कैबिनेट फेरबदल के आदेश के अनुसार ये फैसला लिया गया।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अब प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे जबकि उनके दूसरे बेटे प्रिंस खालिद बिन सलमान रक्षा मंत्री का पदभार संभालेंगे।
कैबिनेट में किए गए इस फेरबदल के बाद यूसुफ बिन अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अल-बनयान को शिक्षा मंत्री नियुक्त किया गया है। इन बदलाव के साथ कई नामों में आदेश में कोई फेरबदल नहीं किया गया है। इनमें ऊर्जा मंत्री के रूप में प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान, विदेश मंत्री के रूप में प्रिंस फैसल बिन फरहान, निवेश मंत्री के रूप में खालिद बिन अब्दुलअजीज अल-फलीह तथा आंतरिक मामलों के मंत्री के रूप में प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सऊद बिन नायेफ बिन अब्दुलअजीज के नाम शामिल हैं। वित्त मंत्री की जिम्मेदारी मोहम्मद बिन अब्दुल्ला अल-जादान ही संभालेंगे।
अन्य मंत्रिस्तरीय पद के लिए प्रिंस अब्दुल्ला बिन बांदर बिन अब्दुलअजीज नेशनल गार्ड के मंत्री तथा वालिद अल-सामानी न्याय मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। अब्दुल्लातिफ बिन अब्दुलअजीज अल अल-शेख को इस्लामिक मामलों के मंत्री के रूप में तथा प्रिंस बद्र बिन अब्दुल्ला बिन फरहान को संस्कृति मंत्री का पद मिला है। प्रिंस अब्दुलअजीड बिन तुर्की अल-फैसल को खेल मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तौफीक बिन फौजान अल-रबिया को हज और उमराह मंत्री के रूप में और माजिद बिन अब्दुल्ला अल-कसाबी को वाणिज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है।
उद्योग और खनिज संसाधन मंत्री का कार्यभार बांदर बिन इब्राहिम अल-खोरायफ संभालेंगे तथा पर्यटन मंत्री के रूप में अहमद अल-खतीब देखेंगे।अर्थव्यवस्था और योजना मंत्री के रूप में फैसल बिन फदिल अलीब्राहिम जबकि स्वास्थ्य मंत्री के रूप में फहद बिन अब्दुलरहमान अल-जलाजेल की सुविधा ली जाएंगी
इसके बावजूद शाही आदेश के मुताबिक किंग सलमान अभी भी कैबिनेट की बैठकों की अध्यक्षता जारी रखेंगे। जिसमें वह शामिल होते रहे हैं।
बताते चलें कि प्रिंस मोहम्मद ने 2017 में सऊदी अरब को मौलिक रूप से बदल दिया था, उन्होंने तेल पर निर्भरता से अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के प्रयासों का नेतृत्व करने के साथ महिलाओं को इसके साथ ही शाही आदेश में कहा गया है कि किंग सलमान अभी भी कैबिनेट की बैठकों की अध्यक्षता करते रहेंगे, जिसमें वह शामिल होते रहे हैं। महिलाओं को ड्राइव करने की अनुमति दी और समाज में मौलवियों की शक्ति पर अंकुश लगाया।