पेरिस। साल 2017 अभी कुछ ही दिनों के बाद खत्म होने वाला है और नए साल 2018 की भी शुरूआत होने वाली है। वैसे क्राइम के लिहाज से देखा जाएं तो साल 2017 वैसे तो किसी के लिए भी अच्छा नहीं रहा। इस साल में वैसे तो कई हत्याएं हुई है लेकिन खास बात ये है कि साल 2017 में 65 पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।
रिपोर्टर्स विदाउट बॉडर्स की ओर से प्रकाशित सालाना आंकड़े के अनुसार साल 2017 में दुनियाभर में 65 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे गए हैं। रिपोर्टर्स विदाउट बॉडर्स को रिपोर्टर्स सैन्स फ्रंटियर्स (आरएसएफ) भी कहा जाता है। मारे गए मीडिया कर्मियों में 50 पेशेवर संवाददाता थे। पिछले 14 वर्षों में यह संख्या सबसे कम है।
हालांकि इस संख्या के कम होने के पीछे की वजह दुनिया के खतरनाक माने जाने वाले स्थानों पर पत्रकारों की गतिविधियों में आई कमी भी हो सकती है। आरएसएफ ने बताया कि युद्ध ग्रस्त सीरिया दुनियाभर में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक स्थान बना हुआ है और यहां 12 संवाददाता मारे गए हैं। इसके बाद मेक्सिको है।
यहां 11 पत्रकारों की हत्या हुई है। मेक्सिको में मारे गए पत्रकारों में जेवियर वाल्डेज का भी नाम है। वह मेक्सिको में मादक पदार्थ माफियाओं के बीच चल रहे खतरनाक लड़ाई की कहानी दुनिया को बता रहे थे। मई में हुई उनकी हत्या से लोगों में काफी गुस्सा था। वहीं एशिया में संवाददाताओं के लिए फिलीपीन सबसे खतरनाक स्थान साबित हुआ है।
पिछले साल यहां कम से कम पांच पत्रकारों को गोली मारी गई, जिनमें से चार की मौत हो गई। आरएसएफ ने बताया कि दुनियाभर में इस साल मारे गए पत्रकारों की संख्या पिछले 14 साल में सबसे कम है। आंकड़ों के मुताबिक 65 में से 39 पत्रकारों की हत्या हुई। वहीं अन्य की मौत ड्यूटी के दौरान हवाई हमले या आत्मघाती हमले में हुआ। समूह का कहना है कि पत्रकारों की मौत की संख्या में गिरावट के पीछे पत्रकारों को मिला बेहतर प्रशिक्षण और युद्ध क्षेत्र में मिली सुरक्षा शामिल है।