भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अपना पहला हाइब्रिड रियूजेबल रॉकेट रुमी-1 सफलतापूर्व लॉन्च कर दिया है।चेन्नई के थिरुविदंदई से लॉन्च होने वाला रुमी-1 देश का पहला हाइड्रोलिक मोबाइल लॉन्च सिस्टम है।
इस एक रॉकेट को एक से अधिक बार उपयोग किया जा सकेगा। इसमें रॉकेट का निचला हिस्सा रियूज किया जा सकता है। रुमी मिशन के माध्यम से अंतरिक्ष में 500 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर सैटेलाइट को प्रक्षेपित करना संभव है।
हाइड्रोलिक मोबाइल लॉन्च सिस्टम के तहत रुमी -1 रॉकेट ने तीन क्यूब उपग्रहों को कक्षा में लॉन्च करने के बाद केवल 7 मिनट में सुरक्षित रूप से जमीन पर वापसी के साथ इतिहास रच दिया है।
इस मिशन की की कमान ‘मून मैन ऑफ इंडिया’ के नाम पहचान बनाने वाले डॉ मायस्वामी अन्नादुराई ने संभाली। इससे पहले वह इसरो सैटेलाइट सेंटर (आईएसएसी) के निदेशक रह चुके हैं। इस हाइब्रिड रॉकेट का निर्माण स्टार्ट-अप स्पेस जोन इंडिया और मार्टिन ग्रुप के सहयोग से हुआ है।
इसकी एक और खूबी यह है कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए भी यह इस कारण फायदेमंद है क्योंकि इससे कम प्रदूषण फैलेगा। साथ ही इसका कार्य क्षेत्र केवल अंतरिक्ष खोजों तक ही सीमित न रह कर कृषि, पर्यावरण निगरानी और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों की निगरानी करना भी होगा।
इस रिजूयेबल टेक्नीक की सहायता से स्पेस कंपनियां रॉकेट के सबसे महंगे हिस्से को दोबारा प्रयोग में ला सकती हैं। ऐसे में नए रॉकेट की लॉन्चिंग के लिए केबल उसके ऊपरी भाग का निर्माण करना होगा। जबकि रिजूयेबल होने के चलते निचले हिस्से को एक से अधिक बार प्रयोग किया जा सकेगा।