ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पिछले दिनों ही कुछ मामलों में कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट की बात स्वीकार की। इसके प्रभाव से कुछ लोगों में थ्रंबोसिस थ्रंबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम बीमारी के लक्षण देखे गए हैं।
एस्ट्राजेनेका कंपनी ने इस समय अपना कोरोना वैक्सीन दुनियाभर से वापस मंगा लिया है। कंपनी का कहना है कि वह दुनियाभर से अपनी वैक्सजेवरिया वैक्सीन को वापस मंगा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, एस्ट्राजेनेका ने यूरोप सहित दुनिया के कई देशों से कोरोना वैक्सीन वापस मंगाने का फैसला किया है। हालाँकि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से अभी तक इस विषय में कोई जानकारी नहीं मिली है।
गौरतलब है कि भारत में भी कोरोना से बचाव के लिए एस्ट्राजेनेका के लाइसेंस वाली कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी। भारतीय नागरिकों को लगाई जाने वाली कोविशील्ड वैक्सीन भी वैक्सजेवरिया वैक्सीन के फार्मूले पर तैयार हुई है।
भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड का निर्माण किया था, लेकिन अभी तक भारत में कोरोना वैक्सीन वापस लेने का कोई फैसला नहीं हुआ है। जबकि कंपनी द्वारा कोर्ट में लिखित दस्तावेजों में इस बात को स्वीकार किया गया है कि कोरोना वैक्सीन के कुछ दुर्लभ मामलों में साइड इफेक्ट देखे जा सकते हैं।
साइड इफेक्ट्स के बाद कंपनी का बड़ा फैसला, वापस मंगाई कोविशील्ड वैक्सीनhttps://t.co/MYhuQqS2x6
— Hindustan (@Live_Hindustan) May 8, 2024
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ एस्ट्राजेनेका द्वारा दावा किया गया है कि वैक्सीन का अपडेट संस्करण उपलब्ध है और वैक्सीन के पुराने स्टॉक को वापस मंगाया गया है।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कंपनी ने 5 मार्च को ही वैक्सजेरवरिया वैक्सीन को वापस मंगाने का फैसला कर लिया था और यह आदेश 7 मई से प्रभावी हुआ।
कोविड वैक्सीन लगने के बाद कई लोगों की जान जाने के मामले सामने आने पर एस्ट्राजेनेका कंपनी वर्तमान में कई मुकदमों का सामना कर रही है। जानकारी के मुताबिक़ कंपनी के खिलाफ 50 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं।
भारत में वैक्सीन वापसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है और वैक्सीन की सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर सुनवाई की मांग की गई है। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई के लिए सहमति मिलने के बावजूद अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है।