बहुत से आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस की विश्वव्यापी भयावहता को देखते हुए संसार में गंभीर आर्थिक मंदी का दौर आ सकता है।न्यूजीलैंड के वित्त मंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने तो मान ही लिया है कि कोरोना के कारण आर्थिक मंदी लगभग तय है।
उन्होंने संसद में कहा, ”हम एक ऐसी बाहरी ताकत से लड़ रहे हैं, जो हमारे नियंत्रण से बाहर है और जिसने दुनिया भर में तबाही मचा दी है। न्यूजीलैंड ने कोरोना वायरस से फैली महामारी से अपनी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर को दूर करने के लिए मंगलवार को 7.3 अरब अमेरिकी डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा की है।
न्यूजीलैंड के वित्तमंत्री ग्रांट रॉबर्टसन ने माना है कि आर्थिक मंदी लगभग तय है। हालांकि उन्होंने यह कहा कि इस पैकेज में वेतन संबंधी सब्सिडी, कर, राहत तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्रों में बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। न्यूज़ीलैण्ड के वित्तमंत्री का कहना था कि यह पैकेज, अर्थव्यवस्था पर महामारी के असर को कुछ कम करेगा।
दूसरी ओर फ्रांस ने कोरोना वायरस के संक्रमण से अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर को कम करने के लिए 45 अरब यूरो के राहत पैकेज की मंगलवार को घोषणा की है। फ्रांस के वित्तमंत्री ब्रुनो ली मेयर ने पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि इस साल फ्रांस आर्थिक मंदी की चपेट में आ सकता है। उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ इस अभियान को आर्थिक व वित्तीय युद्ध बताया। फ़्रांस के वित्तमं ने कहा कि यह युद्ध कुछ समय तक जारी रह सकता है।उन्होंने कहा कि यह युद्ध लंबा होगा, यह हिंसक होगा। इस युद्ध के लिए हमें अपनी सारी ताक़त जुटाने की ज़रूरत पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प पहले ही कह चुके हैं कि कोरोना के कारण उनके देश को गंभीर आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है। अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर एसा होता है तो फिर आर्थिक गतिविधियों में समस्याएं आएंगी।