चीन ने डार्क मैटर का अध्ययन करने के लिए जमीन के अंदर एक उन्नत प्रयोगशाला बनाई है।
यह दुनिया की सबसे गहरी भूमिगत प्रयोगशाला है। इसे पृथ्वी की सतह से 2400 मीटर नीचे, डीप अंडरग्राउंड और अल्ट्रा लो रेडिएशन बैक ग्राउंड फैसिलिटी फॉर फ्रंटियर फिजिक्स एक्सपेरिमेंट्स यानी डीयूआरएफ नाम दिया गया है।
The world's deepest and largest underground physics laboratory went operational Thursday in China's Sichuan province, as physicists moved in and started their research in the second phase of the China Jinping Underground Laboratory. https://t.co/QwcWrl8AHg pic.twitter.com/0ASskyl8Po
— China Daily (@ChinaDaily) December 8, 2023
दक्षिण-पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत के लियांगशान यी अर्ध-स्वायत्त (Semi-autonomous) प्रान्त में जिनपिंग माउंटेन के तहत यह साहसी परियोजना दिसंबर 2020 में सिंघुआ विश्वविद्यालय और यालोंग रिवर हाइड्रोपावर डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा शुरू की गई थी।
यह परियोजना चीन के फ्रंटियर फील्ड जैसे पार्टिकल फ़िज़िक्स, न्यूक्लियर एस्ट्रो फ़िज़िक्स और लाइफ साइंस में रिसर्च को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन की गई थी।
जानकारी के मुताबिक़ डीयूआरएफ ज़मीन पर सबसे स्वच्छ स्थान भी प्रदान करता है, ताकि अदृश्य पदार्थ के नाम से पहचाने जाने वाले डार्क मैटर पर अनुसंधान को सुविधाजनक बनाया जा सके।
क्योंकि यह पृथ्वी की सतह से 2,400 मीटर नीचे है, ऐसे में यह किसी भी ब्रह्मांडीय किरणों (cosmic rays) को रोकने में मदद करेगा जो डार्क मैटर के निरिक्षण में बाधा डालती हैं।
बताते चलें कि 330,000 क्यूबिक मीटर में फैली यह प्रयोगशाला 120 ओलंपिक आकार के स्विमिंग पूल के बराबर है। इस प्रकार यह न केवल सबसे गहरी बल्कि इस उद्देश्य के लिए सबसे बड़ी सुविधा भी होगी।