नई दिल्ली, 8 नवंबर: भारत के अरुणाचल प्रदेश में चीन ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बीच विवादित इलाक़े के अंदर 100 घरों का असैन्य (नागरिक) गांव बसाया है। चीन से जुड़े सैन्य और सुरक्षा विकास पर अमेरिकी रक्षा विभाग ने कांग्रेस को पेश की गई अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह दावा किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीआरसी राष्ट्र-नियंत्रित मीडिया ने इसी दौरान बीजिंग के दावों को जोर शोर से उठाया और भारत के दावों को अस्वीकार करना जारी रखा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीनी मीडिया ने एलएसी के पास भारत के बुनियादी ढांचे के विकास को प्रभावित करने की कोशिश की।
चीन ने अपने दावे वाली जमीन से सेना को पीछे हटाने से भी साफ इनकार कर दिया था। इस काम के लिए चीनी मीडिया तनाव बढ़ाने का आरोप भारत पर लगाता रहा। उसने शर्त रखी कि वह तब तक सेना को पीछे नहीं हटाएगा, जब तक उसके दावे वाली जमीन से भारतीय सेना पीछे नहीं हट जाती और उस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार के काम को रोका नहीं जाता।
अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) के अधिकारियों ने आधिकारिक बयानों और राष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से भारत को वाशिंगटन के साथ अपने संबंधों को गहरा करने से रोकने के लिए असफल प्रयास किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ एलएसी पर भारत के साथ तनाव ने मई 2020 के मध्य में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच चल रहे गतिरोध को जन्म दिया, जो सर्दियों तक चला। भारतीय सेना और पीएलए सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प के बाद 15 जून, 2020 को गतिरोध बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए और दोनों ही पक्षों में जवान हताहत हुए।