आज कल के अधिकतर अभिभावक यह शिकायत करते मिल जाएंगे कि उनका बच्चा ऐसे व्यवहार करता है कि उसे काबू करना एक बेहद मुश्किल टास्क हो जाता है।
एक नए अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि मोबाइल स्क्रीन पर बहुत अधिक समय बिताने से छोटे बच्चों की नींद प्रभावित होती है। जिसके नतीजे में उनमें आक्रामक व्यवहार बढ़ने की शिकायतों में इज़ाफ़ा हुआ है।
अर्ली चाइल्ड डेवलपमेंट एंड केयर जर्नल में शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट बताती है कि नींद की गड़बड़ी से बच्चों में खराब ध्यान, हिंसक गतिविधियां और मूड संबंधी विकार बढ़ सकते हैं। सोशल मीडिया पर बहुत अधिक समय बिताने के साथ-साथ नींद की कमी व्यवहार और संज्ञानात्मक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है और सीखने में बाधा डाल सकती है।
निष्कर्ष बताते हैं कि अत्यधिक मोबाइल स्क्रीन समय और नींद की गड़बड़ी एक-दूसरे को मजबूत करती है, जिससे ध्यान संबंधी समस्याएं, चिंता और अवसाद का खतरा बढ़ जाता है।
एक अध्ययन के अनुसार, 6 से 12 महीने के वे शिशु जो शाम को स्क्रीन के संपर्क में थे, उनकी रात की नींद उन शिशुओं की तुलना में काफी कम थी जो शाम को स्क्रीन के संपर्क में नहीं थे।
इसके अलावा, इस लत के सबसे गंभीर परिणाम बच्चे की ऐसी स्थिति के रूप में सामने आए हैं जहां माता-पिता के लिए उन्हें नियंत्रित करना बेहद मुश्किल हो जाता है। देर रात स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग उनकी नींद को प्रभावित करता है और ऐसे में स्क्रीन को बेडरूम से दूर रखने की सलाह दी जाती है।
अध्ययन बताता है कि टेलीविज़न उतना बुरा नहीं है जितना पहले माना जाता था क्योंकि इसे ज़्यादा आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है और यह एक ही जगह पर रहता है। टैबलेट और स्मार्टफ़ोन ज़्यादा सुलभ हैं क्योंकि वे पोर्टेबल हैं। आप उन्हें कहीं भी ले जा सकते हैं और कभी भी उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
रिपोर्ट बताती है कि अगर बच्चे को उनके अपने डिवाइस पर छोड़ दिया जाए, तो बच्चे अक्सर अपने माता-पिता से बेहतर तरीके से अपने पसंदीदा वीडियो ढूँढ़ लेते हैं जो दूसरे वीडियो से जुड़े होते हैं और जिससे घंटों तक अंतहीन क्लिप देखने को मिल सकती हैं।
साइट की बड़े पैमाने पर अनियमित प्रकृति बच्चों को लगभग कुछ भी देखने की अनुमति देती है। इसमें बहुत कम शैक्षिक मूल्य है और सबसे बुरी बात यह है कि इसमें हिंसक या अनुचित सामग्री हो सकती है। फिर से, सबसे अच्छा तरीका यह है कि बच्चे के साथ देखें ताकि माता-पिता उचित और शैक्षिक सामग्री ढूँढ़ने में लगे रहें।