लॉस एंजिल्स में ग्रैमी अवार्ड का आयोजन 2 फरवरी को किया गया। म्युज़िक के लिए यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड चंद्रिका टंडन को मिला है। उनके एल्बम ‘त्रिवेणी’ को 67वें ग्रैमी अवार्ड्स से नवाजा गया है। चंद्रिका टंडन ने ‘बेस्ट न्यू एज, एम्बिएंट ऑर चैंट एल्बम’ कैटेगरी में ट्रॉफी जीती है।
समारोह में 71 वर्षीय चंद्रिका टंडन ने ‘बेस्ट न्यू एज, एम्बिएंट ऑर चैंट एल्बम’ कैटेगरी के लिए यह ट्रॉफी जीती है। भारतीय मूल की अमरीकी बिजनस वुमन और म्यूजिशियन के अल्बम ‘त्रिवेणी’ में प्राचीन मंत्रों के साथ वर्ल्ड म्यूजिक का संगम है।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने के बाद चंद्रिका ने कहा- ‘संगीत प्रेम है, संगीत हम सभी के भीतर प्रकाश जगाता है। हमारे सबसे बुरे दिनों में भी संगीत खुशी और हंसी फैलाता है।’
चंद्रिका के इस एल्बम में सात म्यूजिकल ट्रैक हैं। यह धुनें श्रोता को मेडिटेशन की यात्रा पर ले जाती हैं। चंद्रिका इसे ‘आंतरिक उपचार’ कहती हैं।
संगीत की शिक्षा चंद्रिका ने शास्त्रीय गायिका शुभ्रा गुहा और गायक गिरीश वज़लवार से प्राप्त की है। इससे पहले साल 2010 में उनके एल्बम ‘ओम नमो नारायण: सोल कॉल’ को भी ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नामित किया जा चुका है।
तीन नदियों के संगम के नाम पर तैयार इस एल्बम में सदियों पुराने वैदिक मंत्रों की प्रस्तुति है। चंद्रिका ने इसको तैयार करने के लिए दक्षिण अफ्रीकी बांसुरी वादक वाउटर केलरमैन और जापानी सेलिस्ट इरु मात्सुमोतो साथ मिलकर काम किया है।
चंद्रिका का पूरा नाम चंद्रिका कृष्णमूर्ति टंडन है। चेन्नई के एक पारंपरिक और रूढ़िवादी मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी चंद्रिका टंडन वर्तमान में ग्लोबल बिजनस लीडर हैं। चंद्रिका ने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से पढ़ाई की।
बचपन से ही चंद्रिका अपनी बहन इंद्रा संगीत के माहौल में पली-बढ़ी हैं। उनके परिवार की परंपरा में कर्नाटक संगीत, सामवेद की शिक्षा, वैदिक मंत्रों का पाठ है।
चंद्रिका टंडन ने अहमदाबाद आईआईएम से मास्टर्स की डिग्री ली है। वह आज एक ग्लोबल बिजनस लीडर और अपने दान-पुण्य के काम के लिए भी जानी जाती हैं। चंद्रिका ने अपने पति रंजन के साथ मिलकर 2015 में न्यूयॉर्क स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग को 100 मिलियन डॉलर का दान दिया।