नागरिकता संशोधन विधेयक का लोकसभा में समर्थन करने वाली शिवसेना अबपलट गई है। मंगलवार को शिवसेना ने कहा कि जब तक बिल को लेकर हमारे सवालों का जवाब नहीं मिलता, हम राज्यसभा में इसका समर्थन नहीं करेंगे।
भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शिवसेना पर तंज कसते हुए कहा-महाराष्ट्र में राजनीति का भांगड़ा चल रहा है।
महाराष्ट्र में राकांपा,कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन की सरकार है। गठबंधन के लिए पार्टियों के बीच कॉमन मिनिममप्रोग्राम पर सहमति बनी थी। कांग्रेस के विरोध के बावजूद विधेयक का समर्थन करने पर शिवसेना ने कहा था कि यह गठबंधन के लिए बनी सहमति के खिलाफ नहीं है, लेकिनकॉमन मिनिमम प्रोग्राम सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित है।
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा किकॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत शिवसेना ने खुद कोसेकुलर पार्टी बताया था। यह विधेयक सेकुलरिज्म और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
यह अवसरवाद की राजनीति है। कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन राजनीतिक फायदे के लिए दोनों ने भगवा पार्टी से हाथ मिला लिया। इन्होंने भाजपा और शिवसेना के खिलाफ वोट मांगे। चुनाव के बाद कांग्रेस ने शिवसेना से निकाह किया और शरद पवार ने उद्धव ठाकरे का वलीमा कराया।
ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार नागरिकता विधेयक लाकर पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को दोबारा जिंदा करना चाहती है। जिन्ना के कारण ही आजादी के बाद भारत का बंटवारा हुआ।
अगर यह बिल संसद के दोनों सदनों में पारित हो जाता है, तो भी मैं हर दरवाजे पर जाकर इसके खिलाफ आवाज उठाऊंगा। उन्होंने कहा- आप क्या संदेश देना चाहते हैं? मुसलमान पहले से ही राजनीतिक तौर पर हाशिए पर थे, अब उन्हें बड़े पैमाने पर बाहर करने की तैयारी की जा रही है।