महाकुंभ 2025 महाशिवरात्रि के पर्व के साथ संपन्न हो गया। 45 दिनों तक चलने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान करके विश्व रिकार्ड बनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के समापन पर सभी को धन्यवाद दिया है।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले इस आयोजन के अंतिम दिन 1.53 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने का समाचार मिला है।
महाकुंभ मेले के अंतिम दिन आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु आधी रात से ही संगम पर पहुंचने लगे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, सोमवार को 1.30 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया जबकि मंगलवार को भी स्नान करने वालों का आंकड़ा 1.11 करोड़ से अधिक रहा।
मेले को लेकर यूपी सरकार का अनुमान है कि प्रदेश की इकॉनमी में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का फ़ायदा हुआ है। एक आकलन के मुताबिक़ प्रति श्रद्धालु पांच हज़ार रुपयों का औसत ख़र्च किया गया है।
रिपोर्ट्स से मिली जानकारी में कहा गया है कि इस आयोजन के दौरान संगम में डुबकी लगाने वालों का आकंड़ा 67 से 68 करोड़ के करीब पहुंच सकता है।
महाकुंभ मेला के लिए सरकारी बजट 7500 करोड़ के क़रीब था। इस बजट के अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट पर भी लगभग इतना ही ख़र्च आया। इस हिसाब से औसतन 15 हज़ार करोड़ का ख़र्च इस मेले पर आया है।
मेले को लेकर यूपी सरकार का अनुमान है कि प्रदेश की इकॉनमी में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का फ़ायदा हुआ है। एक आकलन के मुताबिक़ प्रति श्रद्धालु पांच हज़ार रुपयों का औसत ख़र्च किया गया है।
इन हिसाब से 67 करोड़ श्रद्धालु होने पर प्रति श्रद्धालु पांच हज़ार की अनुमानित कुल आय से 3 लाख 35 हज़ार करोड़ की अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी का अंदाज़ा है। कुंभ मेला क्षेत्र की सफाई के लिए यहाँ 15 हज़ार स्वच्छता कर्मी तैनात किए गए थे।
महाकुंभ में अमृत स्नान करने पहुंचने वाले 73 देशों के राजनयिकों के साथ भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक के अलावा तमाम देशों के अतिथि थे। नेपाल के 50 लाख से अधिक लोग अब तक त्रिवेणी के पवित्र जल में स्नान करने पहुंचे हैं। इसके अलावा इटली, फ्रांस, यूके, पुर्तगाल, अमेरिका, इजराइल, ईरान, मॉरीसस समेत दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां स्नान करने पहुंचे हैं।
महाकुंभ 2025 में आंकड़े के अनुसार से भारत सहित दुनिया भर में सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। अगर देश की कुल आबादी से स्नानार्थियों की तुलना की जाए तो इसके अनुसार भी करीब 50 प्रतिशत ने भारत ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा ली है।
कुंभ मेला हिंदू धर्म में हर 12 वर्ष में चार पवित्र स्थलों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता है। लेकिन इस बार साल 2025 का कुंभ मेला खास था। यह अवसर 12 नहीं बल्कि 144 साल बाद आया था। इस बार का महाकुंभ इसलिए भी ख़ास था, क्योंकि 144 साल के बाद महाकुंभ का उल्लेख विशेष ज्योतिषीय या खगोलीय घटना की ओर संकेत करता है।
इस अवसर पर देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ स्नान करने पहुंचे। महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ की समाप्ति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।