भारतीय जनता पार्टी ने गूगल और यूट्यूब पर 100 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च करने वाला पहला सियासी दल बन गया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट से होने वाले खुलासे से पता चलता है कि यह राशि मई 2018 से अब तक की समयावधि में खर्च हुई है। गूगल इसी समय से अपने विज्ञापन पारदर्शिता रिपोर्ट का प्रकाशन कर रहा है।
रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा खर्च की गई यह राशि विपक्षी दल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम सहित राजनीतिक सलाहकार फर्म इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी के कुल खर्च के बराबर है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट से यह पता चलता है कि 31 मई, 2018 से 25 अप्रैल, 2024 की छह वर्ष की समायाधी में प्रकाशित किये गए गूगल विज्ञापनों में भाजपा की हिस्सेदारी लगभग 26 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि इस अवधि में कुल 390 करोड़ रुपये के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित किये गए हैं। गूगल के इन राजनीतिक विज्ञापनों में समाचार संगठनों सहित सरकारी प्रचार विभागों तथा अभिनेता-राजनेताओं वाले वाणिज्यिक विज्ञापन भी शामिल हैं।
रिपोर्ट से पता चलता है कि इस अवधि में गूगल द्वारा राजनीतिक विज्ञापन के रूप में वर्णित कुल 217,992 सामग्री में से 161,000 से अधिक भाजपा द्वारा प्रकाशित किए गए थे। इस प्रतिशत का हिस्सा 73% है।
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— लेटेस्टली हिंदी (@LatestlyHindi) April 26, 2024
स्थान के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक़ ज़्यादातर विज्ञापन कर्नाटक से है जो लगभग 10.8 करोड़ रुपये, दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है और यहाँ का व्यय 10.3 करोड़ रुपये है। तीसरे नंबर पर राजस्थान है जहां 8.5 करोड़ रुपये खर्च हुए जबकि दिल्ली 7.6 करोड़ रुपये के खर्च के साथ पांचवे नंबर पर रहा।
विपक्ष के हवाले से इंडिया टुडे की रिपोर्ट से पता चला है कि कांग्रेस ने 45 करोड़ रुपये गूगल विज्ञापनों पर खर्च किये और यह पार्टी दूसरे स्थान पर है।
कांग्रेस द्वारा ऑनलाइन प्रकाशित विज्ञापनों की संख्या 5,992 है जो भाजपा के विज्ञापनों का मात्र 3.7 प्रतिशत है। कांग्रेस ने अपने विज्ञापन अभियान में मुख्य रूप से कर्नाटक पर 9.6 करोड़, तेलंगाना में भी 9.6 करोड़ और मध्य प्रदेश में 6.3 करोड़ रुपये का लक्ष्य लेकर विज्ञापन दिया।
तीसरे नंबर पर तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके गूगल प्लेटफॉर्म पर रही। इस दल ने मई 2018 से 42 करोड़ रुपये विज्ञापन पर खर्च किए हैं। इस पार्टी ने तमिलनाडु के बाहर कर्नाटक और केरल में क्रमशः 14 लाख रुपये और 13 रुपये डिजिटल विज्ञापनों पर व्यय किए।