मानसून की आमद के साथ ही बिहार में वायरस और बैक्टीरिया का प्रकोप बढ़ गया है। पिछले एक महीने में एक लाख से अधिक लोग वायरल बुखार से पीड़ित हुए हैं। वहीं फेफड़े में संक्रमण और चिकेनपॉक्स के भी सैकड़ों मामले सामने आए हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, तापमान में आर्द्रता अधिक होने से प्रदेश में वायरस और बैक्टीरिया सक्रिय हो गए हैं। तेजी से इनका संक्रमण बढ़ा है। यही कारण है कि फेफड़े में संक्रमण के कारण लोगों में ऑक्सीजन लेने की क्षमता घट गई है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, मई में सर्दी, खांसी और वायरल बुखार से पीड़ितों की संख्या 94 हजार 974 थी। जून में बढ़कर एक लाख 17 हजार हो गई। यह स्थिति चिंताजनक है। बुखार की चपेट में आने वाले जिलों में वैशाली, सीवान, समस्तीपुर, पूर्णिया, खगड़िया, जमुई, बक्सर, बेगूसराय, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर शामिल हैं। इन जिलों में सबसे ज्यादा मरीज़ पाये गये हैं।
सांस लेने में हो रही तकलीफ़
पीएमसीएच के मेडिसिन और चेस्ट रोग विभाग में 30 फीसदी मरीज वायरल बुखार व फेफड़े में संक्रमण के हैं। डेढ़ सौ मरीजों की जांच में यह बात सामने आयी है कि वायरल और ब्रोंकाइटिस के मरीजों में संक्रमण के कारण ऑक्सीजन लेने की क्षमता घट रही है। ऐसे मरीज आईएलडी से पीड़ित हो रहे हैं। कुछ मरीजों का फेफडा संक्रमण के कारण खराब हो गया है। उन्हें बायोप्सी की सलाह दी गई है।
चिकेनपॉक्स से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए प्रदेश के किसी भी अस्पताल में आइसोलेटेड वार्ड नहीं है। इसके कारण अस्पतालों में भी संक्रमण का खतरा है। ऐसे मरीजों के उपचार के लिए प्रदेश में सिर्फ अगमकुंआ स्थित राजकीय संक्रामक रोग अस्पताल में की गई है।