बिहार सरकार द्वारा जातिगत गणना के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। राज्य में सबसे अधिक आबादी अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है। इस रिपोर्ट में कुल आबादी का 27.1 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग है।
बिहार सरकार पर इस रिपोर्ट को जल्द जारी करने के लिए काफी दबाव था। मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों ने सोमवार को रिपोर्ट जारी कर दी है। बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने जाति आधारित गणना के आंकड़े जारी होने पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी दी।
आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई !
जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था।…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 2, 2023
जाति आधारित सर्वे में बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है। कुल जनसंख्या का 63 प्रतिशत हिस्सा ओबीसी, ईबीसी (Economically Backward Classes) हैं। रिपोर्ट के आधार पर यहाँ पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01% जबकि सामान्य वर्ग 15.52% है। बिहार में मुस्लिम आबादी 17.07 फीसद है।
Bihar Caste Census Report: 12 साल में बिहार की आबादी 25.5% बढ़ी, क्या आधे से भी कम रह गए सामान्य वर्ग के लोग?#Bihar #biharCasteCensus https://t.co/tizaTQS0xN
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) October 2, 2023
संख्या की बात करें तो जातिगत सर्वे के अनुसार, राज्य में सबसे ज्यादा जनसंख्या अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है। इनकी संख्या 4 करोड़ 70 लाख 80 हजार 514 है। यहाँ अनुसूचित जाति की कुल आबादी 2 करोड़ 56 लाख 89 हजार 820 है, ये संख्या कुल आबादी की 19.65 फीसद होती है। अनुसूचित जनजाति की आबादी बिहार में 21 लाख 99 हजार 361 है।
#Bihar में जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट जारी होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुशी जताई है। सीएम नीतीश ने इस काम को करने वाली टीम को बधाई दी। #CasteCensus https://t.co/06w4hstGjf
— Navjivan (@navjivanindia) October 2, 2023
बिहार सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना रिपोर्ट जारी किये जाने पर केंद्र सरकार इसे बिहार की गरीब जनता में भ्रम फैलाना बता रही है। केंद्र सरकार इसके बदले नीतीश कुमार के 15 वर्ष और लालू यादव के 18 वर्ष के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड तलब कर रही है।