हालिया उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार के बाद वर्ष 2019 चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरु कर दी हैं।
बिहार के उप मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं लेकिन बिहार के नेता तो नीतीश कुमार ही हैं इसलिए बिहार में जो वोट मिलेगा वो नरेंद्र मोदी के नाम पर और नीतीश कुमार के काम के नाम पर मिलेगा। इसमें कोई विरोधाभास नहीं है।
सीटों के बंटवारे पर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोई विवाद नहीं है। जब दिल मिल गए तो सीट कौन सी बड़ी चीज है। हर चुनाव के अंदर कौन कितने सीटों पर लड़ेगा ये सारी बातें जिस दिन बैठेंगे उस दिन ऐलान हो जाएगा।
रविवार को मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी के चुनिंदा वरीय नेताओं संग वर्तमान राजनीति और आगामी रणनीति को लेकर विशेष मंत्रणा की।
चार घंटे चली इस बैठक में नीतीश कुमार के साथ काफ़ी समय बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी रहे। साथ ही जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी और राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा भी शामिल हुए।
बैठक में तय हुआ कि जदयू बिहार के विशेष दर्जे की मांग और तेज करेगा। यह भी तय हुआ कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा के आसन्न चुनाव में जदयू जनाधार वाली सीटों पर ही लड़ेगा।
दूसरी ओर लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने भी आम चुनाव की तैयारियां शुरु कर दी हैं। जोकिहाट विधानसभा उपचुनाव और अररिया लोकसभा उपचुनाव में जीत के बाद तेजस्वी यादव दूसरी पार्टियों के लिए बड़ी चुनौती बन गये हैं।
उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनावों में किसी भी गठबंधन का संभावित हिस्सेदार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि
यह साफ है कि मोदी लहर पूरी तरह से झूठ और जुमलों पर बनी सरकार है। बीजेपी के चार साल के कार्यकाल के दौरान उपचुनावों में विपक्ष ने सफलता प्राप्त की।
उन्होंने कांग्रेस के साथ संभावित गठबंधन की ओर संकेत करते हुए कहा कि आम चुनाव में जो भी पार्टी देश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी, वही प्रधानमंत्री पद की दावेदार होगी।
लेकिन महत्वपूर्ण ये होगा कि वह चुनाव से पहले या बाद में गठबंधन करते हैं या नहीं। उनका कहना था कि हमारी पार्टी का प्रभाव 2 से 3 राज्यों में है। अपनी सीमित क्षमता में हम विपक्षी दलों के साथ एकता का प्रयास करेंगे। (AK)