रूसी अधिकारियों ने दावा किया है कि सीरिया पर विद्रोहियों के कब्ज़ा करने के बाद देश छोड़ने वाले राष्ट्रपति बशर अल-असद अपने परिवार के साथ मास्को पहुँच गए हैं, जहाँ रूस ने उन्हें राजनीतिक शरण दी है।समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समाचार एजेंसियों का कहना है कि बशर अल-असद और उनका परिवार रूस पहुंच चुका है और उन्हें रूस ने राजनीतिक शरण दी है।
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने विरोधाभासी रिपोर्ट दी थी कि बशर अल-असद के विमान का रडार से संपर्क टूट गया था और आशंका जताई गई थी कि कोई दुर्घटना हुई है और उनकी मौत हो गई है।
रूसी अधिकारियों ने कहा कि बशर अल-असद और उनके परिवार को मानवीय आधार पर राजनीतिक शरण दी गई है।
रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि एक विमान ने हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी क्योंकि विद्रोहियों ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्ज़ा कर लिया था और रडार से गायब होने से पहले विपरीत दिशा में उड़ रहा था।
बशर के पिता हाफिज अल-असद भी 13 नवंबर, 1970 को तख्तापलट करके ही सत्ता पर काबिज़ हुए थे। रविवार को उनके परिवार के शासन का अंत ही तख्तापलट से ही हुआ।बताते चलें कि वर्ष 2000 में बशर सत्ता में आए। सीरिया के लोगों को उनसे बहुत उम्मीद थी। इस बीच बढ़ती महंगाई और बिगड़ते आर्थिक हालात ने लोगों को निराश कर दिया।
बशर अल-असद ने 34 वर्ष की उम्र में सत्ता संभाली थी और जनता को इनसे बेहतर हालात की उम्मीद भी थी। मगर जनता की सुनवाई से परे बशर अल-असद भी निरंकुश साबित हुए।
साल 2011 में बशर की सत्ता के खिलाफ विद्रोह शुरू हुआ, जो उनके सत्ता से बेदखल होने तक चला। इन हालात से पनपे सीरियाई गृहयुद्ध के 14 वर्षों में लगभग पांच लाख लोग मारे गए और यहाँ की आधी आबादी विस्थापित हो गई।
विद्रोह के सुर वर्ष 2011 में फूटने लगे थे। ऐसे में गृहयुद्ध के हालात को देखते हुए लाखों की संख्या में सीरियाई लोगों ने जॉर्डन, तुर्किये, इराक, लेबनान सहित यूरोप के देशों में शरण ली।