बांग्लादेश में भारी विरोध के बावजूद जिला वकील एसोसिएशन (बार एसोसिएशन) के चुनाव में शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग ने ज़बरदस्त जीत हासिल की है।
माना जा रहा है कि इस चुनाव के नतीजों ने बांग्लादेश की सत्ता में बैठी अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के लिए खरते की घंटी बजा दी है। ऐसा कहा जा रहा है कि बांग्लादेश में यूनुस सरकार का समय पूरा होने वाला है। नतीजों के आधार पर जानकार क़यास लगा रहे हैं कि इन नतीजों का असर आने वाले समय में देश के आम चुनाव में भी नज़र आ सकता है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस समय भारत की शरण में है। पिछले वर्ष जहाँ एक तरफ जान बचाते हुए उन्हें सीमा पार कर भारत की में शरण लेनी पड़ी, वहीँ भारी विरोध से हुए इस सत्ता परिवर्तन के बावजूद शेख हसीना की पार्टी ने बार एसोसिएशन के चुनाव में ज़बरदस्त जीत हासिल की है।
बांग्लादेश में इस समय मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार सत्ता में है। विरोध के चलते और सत्ता गिरने के बाद से शेख हसीना भारत की शरण में हैं। मगर अब जो हालात बन रहे हैं उससे एहसास होता है कि वहां अब जल्द ही यूनुस की सरकार भी गिरने वाली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ बांग्लादेश के चपैनवाबगंज जिला वकील एसोसिएशन की कार्यकारी समिति का चुनाव सोमवार यानी 24 फरवरी को संपन्न हुआ। सुबह 10 बजे से शुरू हुआ मतदान दोपहर 3 बजे तक चला और इसे जिला अधिवक्ता संघ भवन में कराया गया।
मतदान के बाद वोटों की गिनती का काम शुरू हुआ और रात करीब 8:30 बजे तक आने वाले नतीजे चौकाने वाले थे। इन चुनावों में अवामी लीग समर्थकों ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP)-जमात पैनल से ज्यादा सीट हासिल कर चुनाव जीत लिया है।
बताते चलें कि यह चुनाव एक साल की कार्यकारी समिति के लिए कराए जाते हैं। इसमें 3 पैनल और एक निर्दलीय सहित कुल 34 उम्मीदवारों ने चुनाव मैदान में थे। जिसके नतीजों से खुलासा हुआ कि अवामी लीग ने समर्थित पैनल मनिरुल-डोलर परिषद ने 6 पदों पर जीत हासिल की।
बांग्लादेश में होने वाले जिला वकील एसोसिएशन (बार एसोसिएशन) के चुनाव के नतीजों ने सभी को चौकाने के दुनिया का ध्यान भी अपनी ओर खींचा है। साथ ही इस कार्यकारी समिति के चुनाव के माध्यम से बांग्लादेशी वकीलों ने यूनुस सरकार के खिलाफ अपनी असहमति जाहिर कर दी है।