बहरैन के हक़ आन्दोलन ने शुक्रवार को एक बयान जारी करके एलान किया है कि इस्राईल के प्रधानमंत्री नेतनयाहूकी बहरैन यात्रा के विरोध में व्यापक प्रदर्शन किये जाएंगे।
इस बयान में बहरैन की सरकार की ओर से नेतनयाहू के स्वागत की तैयारियों का विरोध करते हुए कहा गया है कि बहरैन की सरकार को नेतनयाहू के स्वागत के स्थान पर मस्जिदुल अक़सा और फ़िलिस्तीनियों का समर्थन करना चाहिए। बयान में नेतनयाहू की बहरैन यात्रा को बहरैनी जनता के लिए उकसावे की कार्यवाही बताया गया है।
इस्राईल के प्रधानमंत्री की बहरैन यात्रा का विरोध करने वालों ने इस यात्रा के बहरैन पर पड़ने वाले ख़तरनाक प्रभाव की ओर संकेत करते हुए स्पष्ट किया है कि क्षेत्र में संबन्ध में आले ख़लीफ़ा और ज़ायोनी शासन के संयुक्त दृष्टिकोण, बहरैन की प्रगति और उसकी साख के लिए हानिकारक होगा।
इससे पहले इस्राईली समाचारपत्र यदीऊत आहारनूत ने लिखा था कि वर्तमान समय में इस्राईल और बहरैन में गोपनीय ढंग से वार्ता चल रही है कि किस प्रकार से दोनो पक्षों से संबन्धों को सार्वजनिक किया जाए। नेतनयाहू की आगमी बहरैन की यात्रा इसका पहला चरण होगी।