गुरुवार को बहरैन की एक अदालत ने 6 आंदोलनकारियों को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई है।बहरैन के तानाशाही शासन आले ख़लीफ़ा की अदालत ने 6 बहरैनी युवाओं को देश में अशांति उत्पन्न करने जैसे निराधार आरोपों के तहत उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई है।
आले ख़लीफ़ा शासन देश में 14 फ़रवरी 2011 से जारी जन आंदोलन को शक्ति के बल पर दबाने का प्रयास कर रहा है।
देश में लोकतंत्र की स्थापना और भेदभाव मिटाए जाने की मांग के समर्थन में होने वाले शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में भाग लेने वाले नागरिकों पर झूठे मुक़दमे चलाकर उन्हें या तो मौत की सज़ा दे दी जाती है या लम्बे समय के लिए जेलों में ठूस दिया जाता है।
23 मई को बहरैन के मानवाधिकार केन्द्र ने एक रिपोर्ट जारी करके कहा था कि आले ख़लीफ़ा शासन ने पिछले 6 वर्षों के दौरान क़रीब 728 बहरैनी नागरिकों की नागरिकता छीन ली है।