एम्स्टर्डम: गाजा में संघर्ष विराम का आह्वान करने पर एक स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता से माइक छीनने का प्रयास किया गया।
जानी-मानी स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (20) ने रविवार को काले और सफेद फिलिस्तीनी स्कार्फ पहनकर एम्स्टर्डम में एक जलवायु विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और गाजा में संघर्ष विराम का आह्वान किया।
ग्रेटा थनबर्ग के भाषण के दौरान, एक प्रदर्शनकारी ने उनसे माइक छीनने की कोशिश की और कहा कि वह यहां किसी की राजनीतिक स्थिति को सुनने के लिए नहीं, बल्कि क्लाइमेट प्रोटेस्ट के लिए आए हैं।
रविवार को एम्स्टर्डम में ग्रेटा थनबर्ग को मंच पर एक फिलिस्तीनी और एक अफगान महिला को आमंत्रित करने के बाद एक जलवायु परिवर्तन पर चल रहे विरोध को संबोधित करने से रोक दिया गया था।
उस व्यक्ति को मंच से हटाए जाने के बाद, ग्रेटा थनबर्ग प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गईं और नारे लगाने लगीं “कब्जे वाली भूमि पर कोई जलवायु न्याय नहीं”।
रॉयटर्स के अनुसार, घटना से पहले, कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपने भाषण में “फिलिस्तीन आज़ाद होगा” का नारा लगाया, जबकि एक कार्यकर्ता ने “फिलिस्तीन नदी से समुद्र तक आज़ाद होगा” का नारा लगाया, जिसके बाद आयोजकों ने उनके भाषण को छोटा कर दिया।
“No climate justice on occupied land”
Respect for Greta Thunberg’s vocal commitment to the cause of Palestine.
One struggle, one fight! 🇵🇸🌱🍉pic.twitter.com/Y8SJ2WuOJR
— Lukas Slothuus (@lslothuus) November 12, 2023
इस घटना पर इजरायली दूतावास ने कहा कि ‘यह अफसोसजनक है कि ग्रेटा थनबर्ग ने एक बार फिर अपने उद्देश्यों के लिए जलवायु प्रदर्शन का दुरुपयोग किया है।’
गौरतलब है कि जलवायु परिवर्तन मुख्य नीति क्षेत्रों में से एक है जिस पर नीदरलैंड में राजनीतिक दल अपने चुनाव अभियान चला रहे हैं। आयोजकों ने दावा किया कि मार्च में 70,000 लोगों ने हिस्सा लिया और इसे नीदरलैंड में सबसे बड़ा क्लाइमेट प्रोटेस्ट माना जा रहा है।