सीरिया में राहत बचावकर्मियों का कहना है कि डोमा शहर में ज़हरीली गैस से हमले में कम से कम 90 लोगों की मौत हुई है. हालांकि अमरीकी विदेश विभाग का कहना है कि मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है.
पूर्वी ग़ूटा में विद्रोहियों के क़ब्ज़े वाला डोमा आख़िरी शहर है. सीरिया में द वाइट हेलमेट्स एक स्वंयसेवी संस्था है और उसने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें भी पोस्ट की हैं.
इन तस्वीरों में बेसमेंट में शव दिख रहे हैं. इस संस्था का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. हालांकि इस ख़बर की अभी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है.
द वाइट हेलमेट्स ने पहले ट्विटर पर 150 लोगों की मौत की बात कही गई है,
शनिवार की रात को हुए इस रासायनिक हमले के संबंध में आरंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि कम से कम 90 लोग मारे गए जबकि 111 अन्य घायल हो गए। रूस के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सचेत किया था कि जैशुल इस्लाम और फ़्री सीरियन आर्मी जैसे आतंकी गुट रासायनिक गैस इस्तेमाल करके दूमा पर हमला करना चाहते हैं।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि आतंकी विश्व जनमत की भावनाएं भड़का कर सीरिया की सरकार पर यह आरोप लगाना चाहते हैं कि वह अपने ही नागरिकों के ख़िलाफ़ रासायनिक हमले कर रही है। इस हमले के बाद आतंकियों के समर्थक अरब व पश्चिमी देशों के संचार माध्यमों ने दमिश्क़ के ख़िलाफ़ मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ दिया है।
सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने दूमा की स्वतंत्रता के अवसर पर सीरियाई सेना के ख़िलाफ़ अरब व पश्चिमी मीडिया के झूठ प्रोपेगंडों की निंदा करते हुए कहा है कि सेना की ओर से रासायनिक गैस के इस्तेमाल का आरोप पूरी तरह से निराधार है। एजेंसी ने कहा है कि आतंकी, सेना पर रासायनिक गैस के इस्तेमाल का आरोप लगा कर उसकी प्रगति को रोकना चाहते हैं।