‘बुलबल पाकिस्तान’ के नाम से मशहूर गायिका नय्यरा नूर का 71 साल की उम्र में कल कराची में निधन हो गया। नय्यरा नूर को डिफेंस फेज 8 कब्रिस्तान में सुपुर्द ख़ाक किया गया।
नय्यरा नूर का जन्म 3 नवंबर 1950 को गुवाहाटी असम में हुआ था। उन्होंने रेडियो पाकिस्तान के साथ गाना शुरू किया जब वह नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स, लाहौर की छात्रा थीं।
नय्यरा नूर की नमाज जनाज़ा इमाम बारगाह यसरब में अदा की गई। उनके अंतिम संस्कार में राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों के अलावा फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों ने भी हिस्सा लिया और उनकी मग़फ़िरत की दुआ की।
नय्यरा नूर कुछ दिनों से बीमार थीं और कराची में उनका इलाज चल रहा था। नय्यरा नूर ने ऑल पाकिस्तान म्यूजिक कॉन्फ्रेंस में तीन स्वर्ण पदक सहित कई पुरस्कार जीते है।
Nayyara Noor: 'बुलबुल-ए-पाकिस्तान' के नाम से मशहूर नय्यरा नूर का निधन, भारत के इस राज्य में हुआ था जन्म, बेगम अख्तर और लता मंगेशकर की प्रशंसक#NayyeraNoor #Pakistan https://t.co/tt66sTFQ2t
— लोकमत हिन्दी (@LokmatNewsHindi) August 21, 2022
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की बातों को जन-जन तक पहुँचाने में नय्यरा नूर की अहम भूमिका रही। उन्होंने हमेशा अपने गायन के लिए सबसे खूबसूरत कविता को चुना। नय्यरा नूर ने कई टीवी सीरियल के लिए गाने भी गाए हैं, उनके गाने मिल्ली नघमे भी काफी लोकप्रिय हुए।
खूबसूरत आवाज़ की मलिका नय्यरा नूर को कई पुरस्कारों से नवाजा गया। उन्हें 1973 में निगार अवार्ड और 2006 में प्राइड ऑफ़ परफॉर्मेंस से सम्मानित किया गया था।