नई दिल्ली : बहुचर्चित समझौता ब्लास्ट मामले में जेल की सजा काट रहे मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद को मक्का मस्जिद मामले में बड़ी राहत मिली है. स्वामी असीमानंद को हैदराबाद की एक अदालत ने जमानत दे दी है. Aseemanand
अभिनव भारत के सदस्य स्वामी असीमानंद की जमानत की कॉपी शुक्रवार को नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) को मिलेगी.
जिसके बाद एनआईए फैसला लेगी कि उनकी जमानत को कोर्ट में चैलेंज किया जाना है या नहीं.
बताते चलें कि एजेंसी ने 2007 के समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में उनकी जमानत का विरोध नहीं किया था.
लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि हैदराबाद की अदालत से जमानत मिलने के बाद स्वामी के बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है. बताते चलें कि असीमानंद साल 2010 से जेल की सजा काट रहे हैं.
असीमानंद समझौता ट्रेन ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों में से एक हैं. 2014 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने असीमानंद को इस मामले में जमानत दे दी थी.
वह समझौता ब्लास्ट केस के लिए बेल बांड भर चुके हैं. असीमानंद को अब दोनों मामले के लिए 50-50 हजार रुपये जमानत के तौर पर जमा करने होंगे.
असीमानंद को पिछले महीने ही जयपुर की अदालत ने अजमेर दरगाह ब्लास्ट मामले में बरी किया है. फिलहाल एनआईए असीमानंद को बरी किए जाने के फैसले पर कानूनी सलाह लेने का मन बना रही है.
वहीं इस मामले में अदालत ने बुधवार को आरोपी देवेंद्र गुप्ता और भावेश पटेल को उम्रकैद की सजा सुनाई है. वरिष्ठ आरएसएस कार्यकर्ता इंद्रेश कुमार के साथ साध्वी प्रज्ञा भी शुरू में अजमेर ब्लास्ट केस में संदिग्ध माने गए थे, लेकिन एनआईए ने चार्जशीट में उनका नाम नहीं लिखा क्योंकि एजेंसी के पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे.