तनाव बने रहने के हफ्तों बाद रूस के रुख में परिवर्तन नज़र आया। इस बीच रूस ने कुछ सैनिकों को वापस बुलाने का किया ऐलान किया है। यह ऐलान रूसी विदेश मंत्री के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने संकेत दिए थे कि उनका देश उन सुरक्षा संबंधी समस्याओं पर बातचीत जारी रखने के लिए राजी है, जिसने यूक्रेन संकट को जन्म दिया।
इस बीच अब भी पश्चिमी देशों के अधिकारी इस बात की चेतावनी दे रहे हैं कि रूस किसी भी क्षण यूक्रेन पर हमला कर सकता है। इतना ही नहीं वह सैन्य साजो सामान सीमा की ओर ले जा रहा है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि रूसी रक्षा मंत्रालय ने जिन सैन्य टुकड़ियों को वापस लेने की बात की है, वह कहां तैनात हैं और उसमें कितने सैनिक हैं।
इस ऐलान के साथ ही विश्व बाजार समेत रूसी मुद्रा रूबल के भाव में उछाल आया है। हालांकि यूक्रेन के नेता रूस की इस घोषणा पर संदेह जता रहे हैं। यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा, ‘‘रूस लगातार कई तरह के बयान दे रहा है। यही वजह है कि हमने नियम बनाया है कि हम सुनी हुई बातों पर विश्वास नहीं करेंगे। हम देखने के बाद विश्वास करेंगे।’
मास्को गारंटी चाहता है कि नाटो यूक्रेन और पूर्व सोवियत संघ के अन्य देशों को अपना सदस्य नहीं बनाएगा। वह चाहता है कि नाटो के सदस्य देश यूक्रेन में हथियारों की तैनाती पर रोक लगाएं और पश्चिमी यूरोप से अपने सैनिक वापस लें।
रूस ने यूक्रेन की सीमा पर 1,30,000 से अधिक सैनिक तैनात कर दिए हैं, जिसने हमले की आशंका को जन्म दिया। हालांकि रूस यूक्रेन पर हमले की मंशा से इनकार करता रहा है, लेकिन यूक्रेन के पूर्व, उत्तर और दक्षिण में बड़ी संख्या में सैनिक तैनात करके वह पास में ही बड़ा युद्धाभ्यास भी करता रहा है।
मास्को इस मामले में गारंटी चाहता है कि नाटो यूक्रेन और पूर्व सोवियत संघ के अन्य देशों को अपना सदस्य नहीं बनाएगा। वह यह भी चाहता है कि नाटो के सदस्य देश यूक्रेन में हथियारों की तैनाती पर रोक लगाएं और पश्चिमी यूरोप से अपने सैनिक वापस लें।
Ukraine Crisis: Russia announced that some units participating in military exercises would begin returning to their bases as diplomacy to avert war intensifies. It wasn’t immediately clear where the troops were deployed or how many were leaving. https://t.co/S3XDORTjgy
— The Associated Press (@AP) February 15, 2022
आशा की नई किरण के साथ कूटनीतिक घटनाक्रम की झड़ी लग गई है। जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कीव में यूक्रेन के नेताओं से बातचीत करने के एक दिन बाद मास्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की योजना बनाई। उधर, रूस के सबसे कड़े यूरोपीय आलोचकों में से एक पोलैंड के विदेश मंत्री भी रूसी विदेश मंत्री सर्जेई लावरोव से मिलने के लिए मंगलवार को मास्को में थे। यूक्रेन के विदेश मंत्री ने अपने इतालवी समकक्ष की मेजबानी करके बातचीत की।
पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश रूस को ‘अंतहीन वार्ता’ में फंसा सकते हैं। पुतिन ने सवाल किया कि क्या अभी भी समझौते पर पहुंचने का अवसर है। लावरोव ने कहा कि उनका मंत्रालय अमेरिका और उसके सहयोगियों को रूस के मुख्य अनुरोधों को दरकिनार करने की अनुमति नहीं देगा।