अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने गाजा पट्टी में इज़रायल द्वारा फिलिस्तीनियों के नरसंहार का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ इज़रायल ने इन आरोपों से इनकार किया है।मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अमरीका सहित अन्य सहयोगियों से आह्वान किया है कि वह इज़रायल को हथियारों की आपूर्ति रोक दे।
बृहस्पतिवार को मानवाधिकार समूह द्वारा पश्चिम एशिया के सदंर्भ में एक रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि इस तरह की कार्रवाइयों से सात अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले या नागरिक क्षेत्रों में आतंकवादियों की मौजूदगी की दलील देकर उचित नहीं ठहराया जा सकता।
रिपोर्ट में एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा- ‘‘हमारे निष्कर्ष अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चेतावनी हैं। यह नरसंहार है। इसे अब रोकना होगा।”
इज़रायल द्वारा फिलिस्तीनियों जान-बूझकर तबाह करने का आरोप लगाते हुए ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ का कहना है कि इज़रायल घातक हमले करके गाजा पट्टी के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को नष्ट कर रहा है। आरोप में खाद्य सामग्री, दवा और अन्य आवश्यक सामन की आपूर्ति को भी रोककर जानबूझकर रोकने की बात कही गई है।
दूसरी तरफ इज़रायल ने जवाब में इन सभी आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है। साथ ही उसने इन आरोपों को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में चुनौती दी है। इज़रायल ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया है जिसमे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री द्वारा गाजा में युद्ध अपराध की बात कही गई थी।
इज़रायल ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत खुद के बचाव की दलील दी है। इज़रायली विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में इसे निंदनीय और कट्टरपंथी संगठन ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ की ओर से एक बार फिर एक मनगढ़ंत रिपोर्ट पेश किए जाने की बात कही गई है।