इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉक्टर हसन रूहानी ने टोक्यो में जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे से मुलाक़ात में कहा कि परमाणु समझौते से अलग होने के अमेरिका की ग़ैर क़ानूनी कार्यवाही से न तो अमेरिका को लाभ पहुंचा है और न ही समझौते के दूसरे पक्षों को कुछ प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्रतिबंधों से सबका नुक़सान होता है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति ने जो जापानी प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर टोक्यो के दौरे पर हैं, शिंज़ों आबे से अपनी मुलाक़ात में कहा कि सभी देशों को चाहिए कि वह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 2231 के प्रति कटिबद्ध रहें। उन्होंने कहा कि ईरान के ख़िलाफ़ अमेरिका की आर्थिक पाबंदियां एक तरह से आर्थिक आतंकवाद कहा जाएगा, जो आतंकवाद के विरुद्ध अभियान चला रहे हैं उन्हों चाहिए कि अमेरिका की इस ग़ैर क़ानूनी कार्यवाही का मुक़ाबला करें।
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान ने जेसीपीओए को बाक़ी रखने के लिए अपने हितों को सुरक्षित रखते हुए सभी क़दम उठाए हैं और भविष्य में भी वह इस समझौते को बरक़रार रखने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि तेहरान ने हमेशा क्षेत्र और दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए क्षेत्र और पड़ोसी देशों का समर्थन किया है और इस क्षेत्र के देशों के प्रमुखों को पत्र भी भेजे हैं।
इस मुलाक़ात में जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो ने भी ईरान के राष्ट्रपति की जापान यात्रा पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि ईरान और जापान के बीच संबंध 90 वर्ष का समय हो रहा है और हालिया वर्षों के दौरान दोनों देशों के उच्च अधिकारियों तेहरान और टोक्यो दौरे से दोनों देशों के संबंध और अधिक मज़बूत हुए हैं।