एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि दुनियाभर में युवाओं में ऑटिज्म के मामले चिंताजनक रफ़्तार से बढ़ रहे हैं। ऑटिज्म से पीड़ित लोगों में सोचने, बातचीत करने, संवाद करने, और सामाजिक संकेतों को समझने में दिक्कत होती है।
शोधकर्ताओं की रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका में लड़कियों और लड़कों में ऑटिज्म का व्यापक रूप से जायज़ा लिया गया। जिसके बाद जानकर इस नतीजे पर पहुंचे कि केवल एक दशक में ऑटिज्म की घटना लगभग तीन गुना हो गई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक़, 2011 से 2022 के बीच ऑटिज्म से पीड़ित लोगों की संख्या में 175 फीसद इज़ाफ़ा देखने को मिला है।
भारत में ऑटिज्म से पीड़ित लोगों की संख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है। यहाँ 250 में से एक व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित है।
हालाँकि, कैलिफ़ोर्निया के प्लिसटन में कैसर परमानेंट के अनुसंधान प्रभाग के ल्यूक ग्रोसवेनर के नेतृत्व वाली एक टीम के अनुसार, लड़कियों की तुलना में लड़कों में अभी भी ऑटिज्म से पीड़ित होने की संभावना चार गुना अधिक है, लेकिन लिंग असमानता धीरे-धीरे कम हो रही है।
जामा नेटवर्क ओपन जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, प्रमुख अमरीकी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में भर्ती 12 मिलियन से अधिक रोगियों के डेटा से पता चला कि 2011 और 2022 के बीच, ऑटिज्म से पीड़ित लोगों की संख्या में 175% की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि इस मामलों में वृद्धि विशेष रूप से 26 से 34 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों में अधिक देखी गई। साल 2011 और 2022 के बीच इस समूह में ऑटिज्म निदान में 450 प्रतिशत की वृद्धि (5.5 गुना से अधिक वृद्धि के बराबर) देखी गई।