लखनऊ। रक्षा बन्धन से पूर्व प्रदेश की 90 हजार मेधावी छात्राओं को कन्या विद्या धन योजना के तहत, 30-30 हजार रुपये का चेक वितरित किया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि इस योजना के तहत प्राप्त धनराशि से इन छात्राओं को आगे की पढ़ाई जारी रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में अगर कहीं से भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त होती है तो जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राजधानी स्थित उप्र संगीत नाटक अकादमी के सभागार में आयोजित कन्या विद्या धन वितरण-2016 समारोह में 554 मेधावी छात्राओं को चेक सौंपा गया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुद 45 छात्राओं को चेक दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कन्या विद्या धन योजना समाजवादी सरकार के कार्यकाल में शुरु की गयी थी। वर्तमान राज्य सरकार ने इसकी धनराशि 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी। वित्तीय संसाधन को देखते हुए इस धनराशि में और बढ़ोत्तरी करने का प्रयास किया जाएगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि जिस प्रकार से कन्या विद्या धन योजना के तहत प्रदेश की मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उसी प्रकार निःशुल्क लैपटाप वितरित कर छात्र-छात्राओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। यूपी सरकार की इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी निःशुल्क लैपटाप वितरण योजना बताते हुए आलोचकों की समझ पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि यह योजना आगामी वर्षां में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था एवं ग्रामीण परिवेश को बदल देगी।
अखिलेश ने सरकार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे केवल 2 नगरों को जोड़ने वाली परियोजना ही नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण एवं शहरी अर्थव्यवस्था को जोड़ने का काम करेगी। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले अमेरिका ने सड़कें बनायी फिर सड़कों के माध्यम से ही अमेरिका विकसित राष्ट्र बना। राज्य सरकार नगरों में साइकिल ट्रैक बना रही है, वहीं सार्वजनिक यातायात में सुधार के लिए लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद सहित कई नगरों में मेट्रो रेल परियोजना पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में जेण्डर समानता की बात की जाती है। प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र में अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जो काम किया है वह अन्य सरकारों के लिए एक चुनौती है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मंत्री अहमद हसन, राजेन्द्र चौधरी, दुर्गा प्रसाद यादव, रविदास मेहरोत्रा, साहब सिंह सैनी, डा. एस.पी यादव, बलराम यादव, राम गोविन्द चौधरी, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार आलोक रंजन, मुख्य सचिव दीपक सिंघल मौजूद थे।