हिज़्बुल्लाह लेबनान के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा है कि इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन दाइश के अंत के बाद ज़ायोनी शासन से मुक़ाबले के लिए पूरी तरह तैयार है।
हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह ने फ़िलिस्तीन की आज़ादी के लिए बने स्वयंसेवी मोर्चे के प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में कहा है कि इराक़ और सीरिया में इस्लामी प्रतिरोध आंदोलनों का काम लगभग समाप्त हो चुका है। सैयद नसरुल्लाह ने कहा कि दुनिया ने दाइश के मुक़ाबले में इन आंदोलनों की शानदार कामयाबी को अपनी आंखों से देखा है। उन्होंने कहा कि अब तमाम इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन इस्राईल से मुक़ाबले के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
सैयद नसरुल्लाह ने बैतुल मुक़द्दस को इस्राईल की राजधानी क़रार दिए जाने के ट्रम्प के फ़ैसले को एक नया बिलफ़ोर डिक्लेरेशन बताया और फ़िलिस्तीनी प्रतिनिधिमंडल से कहा कि वह इस नई साज़िश को नाकाम बनाने के लिए अपने बीच एकता को और मज़बूत बनाए। उन्होंने कहा कि इंतेफ़ाज़ा ही वह एकमात्र मार्ग है जो फ़िलिस्तीनियों को एकजुट कर सकता है।
इस बीच अंतर्राष्ट्रीय मामलों में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के सलाहकार डॉक्टर अली अकबर विलायती ने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान फ़िलिस्तीनी के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलनों की ओर से आरंभ किए जाने वाले तीसरे इंतेफ़ाज़े का भरपूर समर्थन करता है।
डॉक्टर विलायती ने कहा कि ईरान, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा बैतुल मुक़द्दस के बारे में किए गए फ़ैसले के ख़िलाफ़ दुनियाभर में होने वाले विरोध प्रदर्शनों का भी समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि ट्रम्प का एलान एक बड़ी शैतानी चाल है जिसको ज़ायोनी शासन ने बिल्फ़ोर-2 का नाम दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय मामलों में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के सलाहकार डॉक्टर अली अकबर विलायती ने कहा कि ईरान, इराक़, सीरिया, लेबनान, हमास और जेहादे इस्लामी जैसे फ़िलीस्तीनी संगठनों पर अधारित एक प्रतिरोध मोर्चा, ज़ायोनी शासन और ज़ायोनिज़्म के मुक़ाबले में डटा हुआ है। उन्होंने कहा कि हमे पूरा विश्वास है कि निश्चित रूप से अंतिम सफलता मुसलमानों की ही होगी। )