हरियाणा पंचायत चुनाव में 22 जिला परिषद और 143 पंचायत समितियों के चुनावी नतीजे रविवार को घोषित हो गए। जिला परिषद के 411 और 2964 पंचायत समिति सदस्यों के सियासी भाग्य का फैसला रविवार को सामने आ गया। मतदाताओं ने ज्यादातर निर्दलीयों को जिताने का काम किया।
हरियाणा पंचायत चुनाव भाजपा के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। पंचकूला जिला परिषद में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पंचकूला जिले में भाजपा को सभी 10 सीटों पर शिकस्त मिली है। यहाँ की सभी 10 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने कामयाबी का परचम लहराया है। जीती गई सीटों पर कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी के समर्थन वाले उम्मीदवार शामिल हैं। पंचकूला जिले के चुनाव प्रभारी और सांसद नायब सैनी की पत्नी कुरुक्षेत्र में चुनाव हार गईं।
चंडीगढ़:हरियाणा पंचायत चुनाव में भाजपा के 21 प्रतिशत उम्मीदवार ही जिला परिषद का चुनाव जीत सके हैं। सत्ताधारी बीजेपी-जजपा के लिए इस चुनाव नतीजे हैरान वाले रहे हैं। यहाँ के सात जिलों में 102 सीटों पर पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा के खाते में मात्र 22 सीटें आई हैं।
हरियाणा पंचायत चुनाव में 1 वोट से जीत: कुरुक्षेत्र के BJP सांसद की पत्नी हारी; रेवाड़ी में शराब तस्करी का आरोपी जीताhttps://t.co/HKoHdszvml#Haryana #PanchayatElectionResult pic.twitter.com/B05npKhK1x
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) November 27, 2022
भाजपा पार्टी सिंबल के साथ जिन सात जिलों में लड़ी उनमे पंचकूला व सिरसा ज़िले में उसका खाता भी नहीं खुल सका। यहाँ से पहली बार जिला परिषद चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी के 13 प्रतिशत उम्मीदावरों ने जीत दर्ज करने के साथ अपनी ज़मीन मज़बूत कर ली है। इंडियन नेशनल लोक दल का भी इस चुनाव में बढ़िया प्रदर्शन रहा। विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने वाली इनेलो के इस चुनाव में 13 प्रतिशत उम्मीदवारों ने जीत दर्ज करके अपनी पार्टी को ऑक्सीजन देने में सफलता प्राप्त की है।
हरियाणा पंचायत चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी, अपराध, नशाखोरी जैसे मुद्दे हावी रहे। इस बार स्थानीय के अलावा प्रदेश स्तरीय मुद्दों का प्रभाव भी देखने को मिला है। भाजपा ने इस बार विकास के मुद्दे पर ये चुनाव लड़ा था मगर नतीजे उसके हक़ में नहीं रहे।