गाजा के तलाल ताहा आज के डिजिटल युग में भी अखबारों को अलविदा कहने से इनकार करते हैं। फिलिस्तीन के इस बुजुर्ग नागरिक के पास इस समय 25 हज़ार समाचार पत्र जमा हैं। ये एक दिन की मेहनत नहीं बल्कि तलाल ताहा के पिछले 50 सालों से किये गए अखबारों का संग्रह है।
एक विदेशी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक तलाल ताहा का कहना है कि हाथ में अखबार पकड़ने का मजा ही कुछ और है।
तलाल ताहा के पास अलग-अलग जगहों से प्राप्त होने वाले 3 हजार दावतनामे भी जमा हैं।
ताहा ने 1970 के दशक में समाचार पत्रों को इकट्ठा करना शुरू किया और आज भी अल-कुद्स, अल-अलयम, अल-नाहर और फिलिस्तीन सहित चार फिलिस्तीनी दैनिकों को उनके निवास स्थान पर पहुंचाया जाता है।
तलाल ताहा अखबार पढ़ने से पहले उस पर अपना नाम, फोन नंबर और पता लिखते हैं। उनका कहना है कि अखबारों का इतिहास होता है, उनकी कोई कीमत नहीं लगा सकता।
ताहा बताते हैं- “कैंप डेविड समझौते और अक्टूबर 1973 के युद्ध के दौरान अखबारों में मेरी दिलचस्पी पैदा हुई।” जो भी तलाल ताहा से कहता है कि अखबारों की उम्र खत्म हो गई, वह जवाब देता है कि तुम्हारी उम्र खत्म हो गई है।
वरिष्ठ नागरिक का कहना है कि अखबार पढ़ना मोबाइल फोन पर तस्वीरों को देखने से बहुत अलग है, आप जो भी पुराना अखबार उठाएंगे वह तस्वीरों से बिल्कुल अलग दिखेगा। तलाल ताहा के पास अलग-अलग जगहों से प्राप्त होने वाले 3 हजार दावतनामे भी जमा हैं।