वैज्ञानिकों द्वारा एक ऐसा टूल तैयार किया गया है जो हवा से प्रदूषकों को निकालकर उन्हें ईंधन में बदल सकता है। इस ईंधन का उपयोग कारों और विमानों को चलने के लिए किया जा सकेगा।
वैज्ञानिकों ने एक सोलर पावर से चलने वाला एक ऐसा उपकरण तैयार किया है जो हवा से प्रदूषकों को निकालकर उन्हें कारों और विमानों के लिए ईंधन में बदल सकता है। इस अभिनव रिएक्टर में कारों और विमानों के लिए ईंधन के साथ-साथ आवश्यक रसायन और दवाइयों का उत्पादन करने की क्षमता है।
वैज्ञानिकों ने एक सौर ऊर्जा चालित ऐसा रिएक्टर बनाया है जो सीधे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड लेकर इसे सूर्य के प्रकाश की मदद से टिकाऊ ईंधन में बदल देता है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) से प्रेरित होकर यह नया रिएक्टर तैयार किया है, जिसमें वायुमंडल में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड को सिंथेटिक गैस में बदलने के लिए किसी तार या बैटरी की आवश्यकता नहीं होती है।
रिसर्च टीम का कहना है कि यह रिएक्टर जलवायु संकट के लिए एक नया समाधान प्रस्तुत करने के साथ मौजूदा कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (सीएसएस) प्रौद्योगिकियों के लिए एक विकल्प प्रदान करता है।
सीसीएस को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने या समाप्त करने का एक तरीका बताया जा रहा है, और ब्रिटिश सरकार ने हाल ही में इस प्रौद्योगिकी के लिए 22 बिलियन पाउंड आवंटित किए हैं।
बताते चलें कि वर्तमान सीसीएस पद्धति की उच्च ऊर्जा खपत तथा दबावयुक्त कार्बन डाइऑक्साइड को भूमिगत रूप से संग्रहीत करने की चिंताओं के कारण आलोचना की जाती है।