संयुक्त राष्ट्र सहित 23 अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की संयुक्त रिपोर्ट से पता चला है कि गाजा में 576,600 नागरिकों की भूख से मौत हो गई।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक, गाजा के नागरिक बमबारी से ज्यादा भूख से मरने को मजबूर हैं। भोजन की कमी के चलते यहाँ भुखमरी से संबंधित हालात अफगानिस्तान और यमन से भी बदतर हो गए हैं।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि गाजा में अकाल का खतरा हर गुजरते पल के साथ बढ़ता जा रहा है। इसका कारण यह है कि राफ़ा से भेजी जाने वाली मदद के ट्रकों को सीमित पैमाने पर गाजा में प्रवेश की अनुमति दी गई है।
The Israeli government is using starvation of civilians as a method of warfare in the Gaza Strip.
World leaders should be speaking out against this abhorrent war crime, which has devastating effects on Gaza’s population. https://t.co/LaO0jUgdbx pic.twitter.com/lyPwliQfKR
— Human Rights Watch (@hrw) December 18, 2023
मिस्र की राफा सीमा पर, दुनिया भर से भेजी गई सहायता गाजा में प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रही है, लेकिन केवल 90 ट्रकों को ही अनुमति दी गई है।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को गाजा में युद्ध की शुरुआत के बाद से, इज़राइल ने भोजन, पानी, दवा और ईंधन की डिलीवरी रोक दी है और एक महीने बाद, अमरीकी दबाव में, उसने राफा क्रॉसिंग के माध्यम से सहायता ट्रकों को मिस्र में प्रवेश करने की अनुमति दी।
इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यू (Human Rights Watch) का कहना है कि गाजा में भोजन की जरूरत का सिर्फ 10 फीसदी हिस्सा ही इन सहायता ट्रकों के जरिए पहुंचा है।
इस सप्ताह, इज़राइल ने अपने इलाके केरेम शालोम क्रॉसिंग के माध्यम से गाजा में प्रवेश करने के लिए प्रतिदिन 100 सहायता ट्रकों को अनुमति देना शुरू कर दिया।
हालांकि, गुरुवार सुबह इजरायली हमले में 4 स्टाफ सदस्यों की मौत पर फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की प्रवक्ता जूलियट टौमा ने कहा कि अगर हमले जारी रहे तो संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य रोकने के लिए मजबूर हो जाएगा।
इज़रायली राष्ट्रपति ने सहायता ट्रकों की कमी के लिए संयुक्त राष्ट्र को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इज़राइल सहायता ट्रक निरीक्षणों की संख्या प्रतिदिन 300 या 400 तक बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।
उधर, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का कहना है कि गाजा के ज्यादातर इलाकों में सहायता पहुंचाने के दौरान 130 से ज्यादा अधिकारी मारे गए हैं।
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर से गाजा पर जारी बमबारी में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या 20,000 से ज्यादा हो गई है, जिनमें आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं।