सऊदी अरब ने हज नियमों के उल्लंघन पर कठोर दंड और जुर्माने का एलान किया है। सऊदी गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, जो कोई भी बिना अनुमति के हज यात्रा करेगा या करने का प्रयास करेगा, उस पर 20,000 रियाल तक का जुर्माना लगाया जाएगा। भारतीय करेंसी में यह राशि तकरीबन साढ़े चार लाख होती है।
सऊदी अफसरों के मुताबिक़, 29 अप्रैल से नियम और सख्त हो जाएंगे। आज से केवल हज वीजा रखने वालों को ही मक्का में प्रवेश करने और रुकने की अनुमति दी जाएगी।
सऊदी अरब की तरफ से बिना परमिट वाले विदेशियों के मक्का में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। यह नियम अप्रैल के अंतिम सप्ताह से लागू हो चुका है। मक्का में प्रवेश के सभी रास्तों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
घोषणा में कहा गया है कि हज के दौरान विजिट वीजा पर मक्का या पवित्र स्थलों में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति पर 20,000 रियाल तक का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि विजिट वीजा होल्डर को ट्रांसपोर्ट या अन्य सहायता प्रदान करने वाले किसी भी व्यक्ति पर एक लाख रियाल तक का जुर्माना लगाया जाएगा। ये राशि भी भारतीय करेंसी में साढ़े बाइस लाख से अधिक होती है।
इसके अलावा गैर कानूनी तरीके से आने वाले लोगों (unauthorized visitors) को होटल या निजी घरों में आवास उपलब्ध कराने पर भी लगने वाले जुर्माने की राशि एक लाख निर्धारित की गई है।
इन क़ानूनों का उल्लंघन करने पर सुविधाकर्ताओं को निर्वासित (deportation) कर दिया जाएगा तथा 10 वर्षों के लिए सऊदी अरब में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। वहीँ तीर्थयात्रियों के अवैध परिवहन की स्थिति में वाहन को जब्त किया जा सकता है।
घोषणा में आगे कहा गया है कि जुर्माने या सजा के खिलाफ अपील 30 दिनों के भीतर दायर की जा सकती है और अदालत में आवेदन 60 दिनों के भीतर दायर किया जा सकता है।
गौरतलब है कि यह प्रतिबंध कोई नई बात नहीं है। हर साल हज के दौरान ऐसा किया जाता है। इस साल सरकार इसे ज्यादा सख्ती से लागू कर रही है।