हर साल 27 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय पोलर बियर दिवस मनाया जाता है। आज का दिन ध्रुवीय भालू के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) ने ध्रुवीय भालू को प्रकृति के संरक्षण हेतु एक संवेदनशील प्रजाति का दर्जा दिया है। वर्तमान में बदलते पर्यावरण से जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री बर्फ का घटना इस जानवर के अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है।
ध्रुवीय भालुओं से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां इस तरह हैं-
ध्रुवीय भालू कई दिनों तक प्रतिदिन 19 मील तक की यात्रा कर सकते हैं।
शीत निद्रा में रहने वाली ध्रुवीय भालू मादाएं साल में 8 महीने तक बिना भोजन के रहती हैं।
मादा ध्रुवीय भालू लगभग हर तीन साल में एक नया परिवार शुरू करती हैं।
ध्रुवीय भालुओं की त्वचा गहरे काले रंग की होती है जिसके ऊपर मोटे फर की परत होती है।
नवजात ध्रुवीय भालू के शावकों का वजन मात्र एक पाउंड से ज़्यादा होता है। इसमें ख़ास बात यह है कि जब ये दो साल के होते हैं, तो उनका वजन सैकड़ों पाउंड हो जाता है। एक वयस्क नर ध्रुवीय भालू का वजन 1,700 पाउंड से ज़्यादा होता है।
आज का दिन एक ऐसे समय में मनाया जाता है जब ध्रुवीय भालू की माताएं और शावक अपनी मांद में सो रहे होते हैं। एक अनुमान के मुताबिक़, इस समय दुनिया में तक़रीबन 26 हज़ार पोलर बियर हैं। ये आर्कटिक में 19 अलग-अलग आबादियों में रहते हैं। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत आबादी कनाडा या उसके समीप के क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इसके अलावा ध्रुवीय भालू अलास्का, नॉर्वे, ग्रीनलैंड और रूस में भी पाए जाते हैं।
पोलर बियर को संरक्षण देने के साथ आज का दिन वैश्विक जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के साथ हमारे कार्बन पदचिह्न को कम करने के तरीके खोजने का भी दिन है।
27 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय ध्रुवीय भालू दिवस मनाने का उद्देश्य ध्रुवीय भालुओं के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन, पोलर बियर इंटरनेशनल (PBI) एक नया टूल विकसित करने के लिए धन जुटाता है जो ध्रुवीय भालू के मांद के स्थानों को खोजता है और उनका मानचित्र बनाता है। यह उपकरण यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि ध्रुवीय भालू की माँ और शावक हाइबरनेशन के दौरान परेशान न हों।
ध्रुवीय भालू की प्रजाति को संरक्षण देने के लिए पीबीआई शैक्षिक प्रसारण और विशेष फिल्म स्क्रीनिंग जैसे लाइव कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के माध्यम से ध्रुवीय भालू को गोद लेकर भी लोग संरक्षण में योगदान करते हैं।
दुनिया भर में ध्रुवीय भालुओं की संख्या में वृद्धि नहीं हो रही है। जानकारों का कहना है कि यदि समुद्री बर्फ गायब होती रही, तो 2050 से 2100 के बीच ध्रुवीय भालू विलुप्त हो सकते हैं। सील के गायब होने से ध्रुवीय भालुओं की आबादी पर भी असर पड़ सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सील, जो बर्फ पर निर्भर हैं, ध्रुवीय भालुओं के लिए मुख्य भोजन स्रोत हैं।