शोधकर्ताओं ने आहार और स्वास्थ्य के बारे में रसदार फलों और कम अवसाद के बीच संबंध पाया है। हम जो खाते हैं, उसका हमारे समग्र स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
माइक्रोबायोम में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, प्रतिदिन एक संतरा खाने से व्यक्ति में अवसाद (depression) का खतरा 20 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
अध्ययन में पाया गया कि नींबू आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया की वृद्धि को उत्तेजित करता है, जो मस्तिष्क में मूड को प्रभावित करने वाले दो रसायनों, सेरोटोनिन और डोपामाइन के उत्पादन को प्रभावित करता है।
शोधकर्ताओं ने एक लाख से अधिक महिलाओं के आंकड़ों का अध्ययन किया, जिन्होंने अपने आहार और स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी। इस अध्ययन में केवल नींबू और संतरे जैसे रसदार फलों और कम अवसाद के बीच संबंध पाया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि नींबू मानव आंत में पाए जाने वाले एक प्रकार के बैक्टीरिया एफ प्रूसनिट्ज़ी की वृद्धि को उत्तेजित करता है।
यह न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन और डोपामाइन के उत्पादन को प्रभावित करके मूड को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। इस अध्ययन का नेतृत्व हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में चिकित्सा के प्रशिक्षक और मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉक्टर राज मेहता ने किया।
यद्यपि इस पर और अधिक शोध जारी है, लेकिन इससे इस बात के और भी प्रमाण मिलते हैं कि हम जो खाते हैं, आंत के माइक्रोबायोम पर उसका प्रभाव हमारे समग्र स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।