अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रोपावर बांध के निर्माण को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। यह बाँध चीन द्वारा यारलुंग त्सांगपो नदी पर बनाया गया है।
मुख्यमंत्री पेमा खांडू के मुताबिक़, यह परियोजना केवल जल सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की पारिस्थितिकी और लाखों लोगों की आजीविका के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
खांडू ने इस बांध को चीन द्वारा ‘वॉटर बॉम्ब’ के रूप में इस्तेमाल करने के खतरे के संकेत दिए हैं। उनके कहना है कि ऐसा किए जाने पर भारत सहित पड़ोसी देशों को विनाशकारी परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
पेमा खांडू ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस परियोजना द्वारा नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने से चीन के पास बड़ी शक्ति आ जाएगी। इस विशाल जलविद्युत परियोजना को दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट कहा जा रहा है।
भारत सरकार से अपील करते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा है कि चीन की इस परियोजना के संभावित खतरों का वैश्विक स्तर पर मुद्दा उठाया जाए। आगे उन्होंने यह भी कहा कि भारत को वैश्विक पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस खतरे के प्रति जागरूक करना चाहिए।
तिब्बत से निकलने वाली हैयारलुंग त्सांगपो नदी अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करने के बाद सियांग के रूप में जानी जाती है। यह असम में ब्रह्मपुत्र के नाम से बहती है इसी मार्ग से बांग्लादेश में प्रवेश करती है। यह नदी लाखों लोगों के पीने के पानी के अलावा कृषि सहित विभिन्न आजीविका का भी प्रबंध करती है।
मुख्यमंत्री खांडू ने आगे कहा कि मानसून के दौरान चीन द्वारा बांध के निर्माण से अचानक पानी छोड़ने से बाढ़ की समस्या गंभीर हो सकती है जो लाखों लोगों को विस्थापन के लिए मजबूर कर सकता है। साथ ही ऐसा होने पर फसलों की बर्बादी, अनाज की कमी और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हो सकता है।
साथ ही उन्होंने एक और रुख दिखाते हुए मामले की गंभीरता को उजागर किया है। उनका कहना है कि सर्दियों में पानी के प्रवाह को रोकने से ब्रह्मपुत्र और सियांग नदियों में जल स्तर इतना गिर सकता है कि बड़े हिस्सों में सूखे के हालात पैदा हो जाएं।
पेमा खांडू ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस परियोजना द्वारा नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने से चीन के पास बड़ी शक्ति आ जाएगी। चीन द्वारा इस नदी पर बनने वाले विशाल जलविद्युत परियोजना को दुनिया का सबसे बड़ा हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट कहा जा रहा है।