फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह किडनी की समस्या से पीड़ित थे और मुंबई के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन की खबर की पुष्टि उनकी बेटी पिया बेनेगल ने की। आज शिवाजी पार्क स्थित शमशान में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
लम्बे अरसे से बीमार चल रहे श्याम बेनेगल अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक ने उनके निधन पर शोक जाहिर किया है।
दिसंबर 1934 में दक्षिण भारतीय शहर हैदराबाद के सिकंदराबाद इलाके में जन्मे श्याम बेनेगल ने अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार विजेता फिल्मों का निर्माण किया। अर्थशास्त्र में पढ़ाई करने वाले बेनेगल को फोटोग्राफी का शौक़ था। जब वह 12 साल के थे तब उन्होंने अपने पिता श्रीधर बी बेनेगल के लिए कैमरे पर अपनी पहली फिल्म बनाई थी।
श्याम बेनेगल ने पहली फिल्म अंकुर 1974 में बनाई थी। इस फिल्म में उन्होंने आंध्र प्रदेश के किसानों के मुद्दों को उठाया था। उनकी आखिरी फिल्म ‘मुजीब – द मेकिंग ऑफ अ नेशन’ थी।
भारत एक खोज के माध्यम से उन्होंने नेहरू की किताब को परदे पर साकार किया और इसिहास से रूबरू कराया। श्याम बेनेगल ने जुबैदा, द मेकिंग ऑफ द महात्मा, नेताजी सुभाष चंद्र बोसः द फॉरगोटन हीरो, मंडी, आरोहन, वेलकम टु सज्जनपुर जैसी दर्जनों यादगार फिल्में बनाई हैं।
उनकी फिल्में ज्यादातर सामाजिक न्याय, महिला अधिकार और ग्रामीण विकास जैसे विषयों पर आधारित थीं। उनकी फिल्मों को 8 नेशनल अवॉर्ड मिले हैं। श्यान बेगेनल को दादा साहब फाल्के सम्मान भी मिल चुका है। श्याम बेनेगल ने अपने करियर में 24 फिल्में, 45 डॉक्यूमेंट्री और 1500 एड फिल्म्स बनाई हैं।
उन्हें भारतीय समानांतर सिनेमा का अलम्बरदार माना जाता है। बेनेगल को उनकी सेवाओं के लिए 8 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 1976 में पद्म श्री और 1991 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
श्याम बेनेगल ने हाल ही में 14 दिसंबर को अपना 90वां जन्मदिन मनाया, जिसमें उनके दोस्त, मशहूर अभिनेता और फिल्म निर्माता शामिल हुए। उनके जन्मदिन की तस्वीरें मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने सोशल मीडिया पर शेयर कीं।
शबाना आजमी, नसीरुद्दीन शाह, अक्षय कुमार, मनोज बाजपेयी और शेखर कपूर समेत इंडस्ट्री के कई लोगों ने हार्दिक दुख और शोक व्यक्त किया है और उन्हें लीजेंड बताया है.
उनके निधन की खबर से भारतीय फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई। प्रशंसकों और सिनेमा प्रेमियों ने उनके उत्कृष्ट काम और यादगार फिल्मों को श्रद्धांजलि देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
सिनेमा के इतिहास में श्याम बेनेगल का नाम हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। उनकी फिल्में और कहानी कहने के उनके सामाजिक विषय फिल्म निर्माताओं और दर्शकों की पीढ़ियों को समान रूप से प्रेरित करते रहेंगे।